भगवान शिव को देवों के देव महादेव के रूप में जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार श्रावण मास भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। मान्यता है कि इस दौरान भगवान शिव की अराधना करने से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। वहीं श्रावण में सोमवार का दिन और भी शुभ माना जाता है। यही कारण है कि श्रावण के पवित्र माह में सोमवार के दिन भक्त महादेव को प्रसन्न करने के लिए व्रत करते हैं और कई विधि विधान को अपनाते हैं जिनमें महामृत्युंजय हवन एवं रुद्राभिषेक भी शामिल है। इस दिन भगवान शिव के साथ देवी पार्वती के स्वरूप माता काली का आशीर्वाद प्राप्त करने से भक्तों में सकारात्मक ऊर्जा के साथ अच्छे स्वास्थ्य का आशीष भी मिलता है। भगवान शिव एवं माता पार्वती को सृष्टि का जन्मदाता कहा जाता है। हिंदू धर्म के देवी देवताओं के साथ साथ उनके अन्य रूपों की व्याख्या भी शास्त्रों में मिलती है।
पौराणिक काल से ही माता पार्वती को नारीशक्ति का प्रतीक माना जाता रहा है। धरती पर धर्म और न्याय की रक्षा के लिए माता पार्वती ने अनेकों रूप लिए थे। सृष्टि के हित के लिए मां पार्वती ने देवी काली बनकर असुरों का अंत किया। हिन्दू पुराणों देवी काली को एक रूद्र अवतार माना गया है। उनके स्वरुप की बात करें तो उनका रूप भी विकराल माना जाता है। श्रावण माह में सोमवार के दिन पश्चिम बंगाल में स्थित शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में श्रावण महा सोमवार रुद्राभिषेक और महामृत्युंजय हवन का आयोजन किया जा रहा है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां देवी सती का दाहिने पैर की उंगली गिरी थी, जब भगवान शिव उनके शव को लेकर तांडव कर रहे थे। इस कारण, यह स्थल अत्यंत पवित्र 51 शक्तिपीठों में शामिल है। मान्यता है कि यहां शुभ दिनों में पूजा करने से देवी काली के साथ भगवान शिव भी अपने भक्तों की सभी इच्छाएं पूर्ण होने का आशीष देते हैं। इसलिए श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और मां काली का आशीष पाएं।