वैदिक पंचांग के अनुसार गुप्त नवरात्रि आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष से आरंभ होती है। इस दौरान इन नौ दिनों में दस महाविद्याओं की गुप्त रूप से साधना की जाती है, यही कारण है कि इसे गुप्त नवरात्रि कहते हैं। देवी कमला, दस महाविद्याओं में दसवीं महाविद्या हैं। देवी कमला वैसे तो देवी सती या देवी पार्वती का ही एक रूप हैं, लेकिन उन्हें मां लक्ष्मी के समकक्ष माना जाता है। इन्हें तांत्रिक लक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है। देवी कमला को धन एवं धान्य दोनों की देवी माना गया है। शास्त्रों में महाविद्या कमला को श्री हरि विष्णु की जीवनसाथी बताया गया है। ऐसा माना जाता है कि देवी कमला भगवान विष्णु की सबसे बड़ी शक्ति हैं।
मां कमला दरिद्रता, विपत्ति दूर करती हैं, कर्ज से मुक्ति दिलाती हैं, गृह क्लेश एवं अशांति प्रदान करती हैं। भक्तों की निस्वार्थ सेवा और भक्ति से प्रसन्न होकर वे शांति और समृद्धि से भरा जीवन प्रदान करती हैं, जहां भक्तों को मनचाही संपत्ति और तृप्ति प्राप्त होती है। गुप्त नवरात्रि में देवी लक्ष्मी के साथ देवी कमला की पूजा करना बहुत शुभ होता है। इसलिए गुप्त नवरात्रि के दिनों में कोल्हापुर में विराजित शक्तिपीठ मां महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर विशेष सिद्ध धनदायक महाकमला तंत्र युक्त हवन एवं लक्ष्मी प्राप्ति हवन का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और कर्ज मुक्ति और धन प्राप्ति का आशीष पाएं।