🔱 भगवान शिव की दिव्य सुरक्षा से मूलांक 7 वालों को 2026 में स्पष्टता का विस्तार होगा, मानसिक तनाव से बचेंगे और गहरी आध्यात्मिक समझ का अनुभव होगा…
🔱 भगवान शिव की दिव्य सुरक्षा से मूलांक 7 वालों को 2026 में स्पष्टता का विस्तार होगा, मानसिक तनाव से बचेंगे और गहरी आध्यात्मिक समझ का अनुभव होगा…
🔱 भगवान शिव की दिव्य सुरक्षा से मूलांक 7 वालों को 2026 में स्पष्टता का विस्तार होगा, मानसिक तनाव से बचेंगे और गहरी आध्यात्मिक समझ का अनुभव होगा…
मूलांक 7 मानसिक स्पष्टता और आध्यात्मिक फोकस 2026

2026 में मानसिक शांति के लिए मूलांक 7 वालों के लिए शिव पूजा

2026 में मानसिक तनाव से बचने और आध्यात्मिक स्पष्टता पाने के लिए आशीर्वाद
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश
pooja date
పూజ బుకింగ్ ముగుస్తుంది
Day
Hour
Min
Sec
slideslideslide
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
ఇప్పటి వరకు3,00,000+భక్తులుశ్రీ మందిర్ సేవా నిర్వహించిన పూజలలో పాల్గొన్నాను.
పూజా వీడియో పొందండి icon
పూజా వీడియో పొందండి
పూర్తి పూజా వీడియో 2 రోజుల్లో పంపబడుతుంది.
సరైన ఆచారాలను అనుసరించడమైనది icon
సరైన ఆచారాలను అనుసరించడమైనది
ఆలయంలోని ఉత్తమ పూజారి గారు మీ పూజని చేస్తారు.
జపించడానికి మంత్రం icon
జపించడానికి మంత్రం
ఆశీర్వాదం పొందుటకు విశేష మంత్రాలు క్రింద తెలుపబడ్డాయి
ఆశీర్వాదం బాక్స్ icon
ఆశీర్వాదం బాక్స్
ఆశీర్వాదం బాక్స్ మీ ఇంటి వద్దకే చేర్చబడింది.

🔱 भगवान शिव की दिव्य सुरक्षा से मूलांक 7 वालों को 2026 में स्पष्टता का विस्तार होगा, मानसिक तनाव से बचेंगे और गहरी आध्यात्मिक समझ का अनुभव होगा…

अगर आपका जन्म किसी भी महीने की 7, 16 या 25 तारीख को हुआ है, तो आपका मूलांक 7 होता है। इस मूलांक का स्वामी केतु है—मौन, अंतर्ज्ञान, गहराई और आध्यात्मिकता का ग्रह। मूलांक 7 वाले लोग गहराई से सोचते हैं, चुपचाप देखते हैं और जीवन को दूसरों से ज़्यादा महसूस करते हैं। आपको शोर नहीं, अर्थ चाहिए। उथल-पुथल नहीं, सच्चाई चाहिए। दबाव नहीं, शांति चाहिए।
लेकिन इस गहराई की अपनी चुनौतियाँ भी होती हैं। केतु अक्सर लाता है:
• कामों में देरी और मन में उलझन
• ज़्यादा सोचने से मानसिक थकावट
• कोशिश के बाद भी रुकावट महसूस होना
• अचानक अकेलापन या खुद में सिमट जाना
• अनदेखी बाधाएँ जो प्रगति रोकती हैं
2026, जो सूर्य प्रधान वर्ष है, इसमें यह मानसिक तनाव और बढ़ सकता है। सूर्य की तेज ऊर्जा केतु की शांत, रहस्यमयी ऊर्जा से टकराती है, जिससे मूलांक 7 वालों में दबाव, अकेलापन या मानसिक गर्मी महसूस होने की संभावना बढ़ जाती है। अगर संतुलन बिगड़ जाए तो भ्रम, तनाव और थकावट बढ़ सकती है।
इसी कारण 2026 में मूलांक 7 शिव पूजा – ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। भगवान शिव मन के भ्रम को खत्म करने वाले देवता हैं—मौन, जागरूकता और मानसिक संतुलन के स्वामी। जब मूलांक 7 की ऊर्जा अस्थिर हो जाती है, तो शिव का आशीर्वाद मन को स्थिर करता है और भावनात्मक उलझन को बढ़ने से रोकता है।
✨ यह विशेष शिव पूजा मानी जाती है कि:

• मानसिक गर्मी और अंदर की बेचैनी को शांत करती है
• अकेलेपन को आध्यात्मिक स्पष्टता में बदलती है
• केतु से जुड़े विलंब और भ्रम को दूर करती है
• अंतर्ज्ञान, फोकस और जागरूकता बढ़ाती है
• 2026 की तेज सूर्य ऊर्जा से मानसिक सुरक्षा देती है
• मन को स्थिर, संतुलित और आत्मविश्वासी बनाती है
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में होने वाली यह पूजा—जहां नर्मदा का दिव्य कंपन और शिव का पवित्र प्रकाश दोनों मिलते हैं—मूलांक 7 वालों के मन को रीसेट करने, स्पष्टता जगाने और बाधाएँ दूर करने में सहायक मानी जाती है।
2026 में जब सूर्य की ऊर्जा केतु को चुनौती देगी, तब यह पूजा एक आध्यात्मिक ‘ठंडक की ढाल’ की तरह काम करती है, जो आपकी गहराई को संघर्ष नहीं, बल्कि आपका सबसे बड़ा बल बनाती है।
श्री मंदिर के माध्यम से आप इस पवित्र पूजा में सम्मिलित होकर अपने जीवन में मानसिक स्पष्टता, आध्यात्मिक फोकस और भावनात्मक सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

సమీక్షలు & రేటింగ్స్

శ్రీ మందిరం గురించి మన ప్రియమైన భక్తులు ఏమనుకుంటున్నారో చదవండి.
User Image

Achutam Nair

Bangalore
User review
User Image

Ramesh Chandra Bhatt

Nagpur
User review
User Image

Aperna Mal

Puri
User review
User Image

Shivraj Dobhi

Agra
User review
User Image

Mukul Raj

Lucknow

తరచుగా అడిగే ప్రశ్నలు