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नवरात्रि सप्तमी ज्योतिर्लिंग जाप साधना

1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, 1,000,08 शिव पंचाक्षरी मंत्र जाप एवं रूद्र यज्ञ

जीवन में सुख-समृद्धि एवं धन की प्रचुरता के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश
pooja date
9 October, Wednesday, नवरात्रि सप्तमी
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जीवन में सुख-समृद्धि एवं धन की प्रचुरता के लिए नवरात्रि सप्तमी ज्योतिर्लिंग जाप साधना 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, 1,000,08 शिव पंचाक्षरी मंत्र जाप एवं रूद्र यज्ञ

हिंदु धर्म में नवरात्रि पर्व का विशेष महत्व है। नौं दिनों तक चलने वाला यह पर्व मां दुर्गा के नौ स्वरूपों को समर्पित है। नवरात्रि के दौरान भक्त मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के दिव्य अनुष्ठान करते हैं। वैसे तो मां दुर्गा को कई मंत्र समर्पित है लेकिन शास्त्रों में नवार्ण मंत्र को सबसे शक्तिशाली बताया गया है। नवार्ण, नव और अर्ण के युग्म से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है नौ अक्षर। शास्त्रों में ‘ऊं ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डाऐ विच्चे’ को नवार्ण मंत्र कहा गया है। इसके हर अक्षर से शक्ति अर्थात मां दुर्गा के नौ रूपों का सीधा संबध है। पहला अक्षर "ऐं" है, जो माँ शैलपुत्री से संबंधित है। दूसरा अक्षर "ह्रीं" है, जो माँ ब्रह्मचारिणी द्वारा नियंत्रित होता है। तीसरा अक्षर "क्लीं" माँ चंद्रघंटा से जुड़ा है। इसी प्रकार चौथा अक्षर "च" माँ कूष्माण्डा से, पाँचवाँ अक्षर "मुं" माँ स्कंदमाता से, छठा अक्षर "डा" माँ कात्यायिनी से, सातवाँ अक्षर "यै" माँ कालरात्रि से, आठवाँ अक्षर "वि" माँ महागौरी से और नौवाँ अक्षर "चै" माँ सिद्धिदात्री से जुड़ा है। इसी कारणवश माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान नवार्ण मंत्र का जाप करने से मां दुर्गा सहित उनके नौ स्वरूपों का दिव्य आशीष प्राप्त होता है, जिससे जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है।

मां दुर्गा शक्ति का प्रतीक हैं। शैव दर्शन के मुताबिक, शिव और शक्ति एक ही सत्य के दो पहलू हैं। शिव सर्वोच्च चेतना या निष्क्रिय पुरुष तत्व का प्रतीक हैं, जबकि शक्ति सक्रिय ऊर्जा या सृजनात्मक शक्ति का प्रतीक है। माना जाता है कि शिव के बिना शक्ति और शक्ति के बिना शिव अधूरे हैं। इसी कारणवश विशेष फल प्राप्ति के लिए नवरात्रि के दौरान भक्त भगवान शिव की भी पूजा करते हैं। शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए पंचाक्षरी मंत्र का जाप करना चाहिए। ॐ नमः शिवाय ही पंचाक्षरी मंत्र है, जिसका अर्थ है पांच अक्षरों वाला मंत्र। कहा जाता है कि यह संसार का सबसे पहला मंत्र है और इसके जाप से किसी भी मनवांछित फल की प्राप्त की जा सकती है। माना जाता है कि नवरात्रि के दौरान नवार्ण मंत्र और पंचाक्षरी मंत्र का जाप करने से भगवान शिव और शक्ति अर्थात मां दुर्गा द्वारा जीवन में सुख-समृद्धि एवं धन की प्रचुरता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि इन मंत्रों के जाप के साथ रुद्र यज्ञ किया जाए तो यह पूजा कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है। इसलिए नवरात्रि सप्तमी पर मध्यप्रदेश में स्थित श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में 1,25,000 नवार्ण मंत्र जाप, 1,000,08 शिव पंचाक्षरी मंत्र जाप एवं रूद्र यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। माना जाता है कि आज भी यहां भगवान शिव और माता पार्वती रात में चौसर पांसे खेलने आते हैं। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और मां दुर्गा और भगवान शिव द्वारा जीवन में सुख-समृद्धि एवं धन की प्रचुरता का आशीर्वाद प्राप्त करें।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

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पारिवारिक पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में मां दुर्गा एवं भगवान शिव को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
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पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में मां दुर्गा एवं भगवान शिव को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

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