हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि को अत्यंत पवित्र माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु के साथ माता लक्ष्मी की पूजा का विधान है। कहते हैं कि पूर्णिमा के शुभ दिन पर माता लक्ष्मी की विधिवत पूजा एवं विभिन्न प्रकार के भोग लगाने से वो शीघ्र प्रसन्न होती हैं। वहीं शुक्रवार का दिन धन की देवी माता लक्ष्मी को समर्पित है जो कि धन, ऐश्वर्य, सुंदरता, सुख-समृद्धि के लिए खास माना गया है। यह दिन शुक्र ग्रह के लिए भी जाना जाता है। मां लक्ष्मी को पंचमेवा व सफेद रंग की वस्तुएं भोग में बहुत प्रिय हैं इसलिए पूर्णिमा के दिन महालक्ष्मी पूजा के साथ नैवेद्य भोग कराने से अत्यंत सुख समृद्धि का आशीष प्राप्त होता है।
माता लक्ष्मी का सर्वशक्तिशाली रूप हैं मां अम्बाबाई, जिन्हें कोल्हापुर महालक्ष्मी के नाम से भी जाना जाता है। इन्हें भगवान तिरूपति बालाजी की पत्नियों में से एक माना गया है। देवी लक्ष्मी महाराष्ट्र के कोल्हापुर में शक्तिपीठ महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में निवास करती हैं। 51 शक्तिपीठों में से एक यह मंदिर अपनी दिव्य ऊर्जा एवं मनोकामना पूर्ति के लिए प्रचलित है। यहां न केवल भक्त, बल्कि सूर्य देव भी साल में तीन बार मां महालक्ष्मी को प्रणाम करते हैं। यही कारण है कि पूर्णिमा एवं शुक्रवार के शुभ संयोग पर शक्तिपीठ कोल्हापुर अंबाबाई मंदिर में श्री मंदिर द्वारा पूजा का आयोजन किया जा रहा है, इसमें भाग लें और भौतिक समृद्धि के साथ-साथ व्यापार और करियर में वृद्धि का आशीर्वाद पाएं।