करवा चौथ 🌙✨ पर पति की दीर्घायु और दांपत्य सुख की कामना हेतु त्रियुगीनारायण मंदिर 🛕 में आयोजित विशेष शिव-पार्वती पूजा 🙏💞 में भाग लें।🕉️🤝
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करवा चौथ पति दीर्घायु विशेष

पति की दीर्घायु, शिव-पार्वती पूजा

पति की दीर्घायु के लिए
temple venue
त्रियुगीनारायण मंदिर, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
pooja date
10 October, Friday, कार्तिक कृष्ण चतुर्थी
పూజ బుకింగ్ ముగుస్తుంది
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करवा चौथ का पर्व भारतीय समाज में वैवाहिक संबंधों की पवित्रता और पति–पत्नी के बीच प्रेम व समर्पण का प्रतीक माना जाता है। इस दिन सुहागिन स्त्रियाँ सूर्योदय से लेकर चंद्रमा के दर्शन तक निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य तथा पारिवारिक सुख–समृद्धि की कामना करती हैं। करवा चौथ की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इसमें स्त्री का संयम और तपस्या पति के जीवन में स्थिरता और सुरक्षा का संकल्प बन जाती है।

शास्त्रों में वर्णन मिलता है कि करवा चौथ पर भगवान शिव और माँ पार्वती की पूजा भी बेहद फलदायी मानी जाती है। भगवान शिव और माता पार्वती को आदर्श दंपत्ति का स्वरूप माना गया है, जिनका संबंध केवल पति–पत्नी का ही नहीं बल्कि त्याग, विश्वास और एक–दूसरे के प्रति अटूट समर्पण का उदाहरण है। इसीलिए इस दिन उनकी आराधना से वैवाहिक जीवन में प्रेम और सामंजस्य बढ़ता है तथा दांपत्य संबंध मजबूत होते हैं।

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित त्रियुगीनारायण मंदिर इस संदर्भ में अत्यंत पावन और महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यही वह दिव्य स्थल है जहाँ भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह सम्पन्न हुआ था। मान्यता है कि उस विवाह के समय जो पवित्र अग्नि प्रज्वलित हुई थी, वह आज भी मंदिर के गर्भगृह में निरंतर जल रही है। यह अग्नि शिव–शक्ति के अमर मिलन और उनके शाश्वत प्रेम का प्रतीक है। करवा चौथ के अवसर पर इसी विवाह स्थल पर किया गया भगवान शिव और माँ पार्वती पूजन विशेष महत्व रखता है, क्योंकि यहाँ की ऊर्जा और दिव्यता हर संकल्प को और भी गहरा और फलदायी बनाती है।

इस विशेष अवसर पर आयोजित भगवान शिव और माँ पार्वती पूजा का उद्देश्य केवल पति की लंबी आयु की कामना करना ही नहीं, बल्कि दांपत्य जीवन में स्थिरता, सामंजस्य और आशीर्वाद प्राप्त करना भी है। यह पूजन स्त्रियों को यह स्मरण कराता है कि करवा चौथ का व्रत केवल बाहरी अनुष्ठान नहीं बल्कि आंतरिक आस्था, विश्वास और प्रेम का गहरा प्रतीक है। जब कोई महिला पूरे मन से व्रत करती है और भगवान शिव और माँ पार्वती का स्मरण करती है, तो उसका संकल्प दैवी शक्ति से जुड़कर और भी प्रभावशाली माना जाता है।

इस प्रकार, करवा चौथ पर पति की दीर्घायु के लिए की जाने वाली भगवान शिव और माँ पार्वती पूजा, न केवल धार्मिक मान्यता को पुष्ट करती है बल्कि वैवाहिक संबंधों की नींव को और भी मजबूत बनाती है। यह पर्व दंपत्ति के जीवन में आपसी विश्वास और आत्मीयता बढ़ाने वाला है।

🌸 आप भी श्री मंदिर के माध्यम से त्रियुगीनारायण मंदिर में संपन्न होने वाले इस विशेष भगवान शिव और माँ पार्वती पूजन में भाग लेकर पति की दीर्घायु और दांपत्य सुख का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

त्रियुगीनारायण मंदिर, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड

त्रियुगीनारायण मंदिर, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
त्रियुगीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित एक ऐतिहासिक और पवित्र स्थल है, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के त्रियुगीनारायण गांव में स्थित है। यह प्राचीन तीर्थ स्थल गुटठुर से श्री केदारनाथ तक जुड़े रास्ते पर स्थित है और यहाँ के स्थापत्य शैली का असर केदारनाथ मंदिर पर भी देखने को मिलता है। यह गांव धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रियुगीनारायण को हिमवत की राजधानी माना जाता था और यहीं पर भगवान शिव और देवी पार्वती का पवित्र विवाह हुआ था।

कहा जाता है कि शिव और पार्वती का विवाह इसी विशाल हवन कुंड में हुआ था, जिसमें चारों दिशाओं में अग्नि प्रज्वलित की गई थी। इस दिव्य विवाह समारोह में ब्रह्मा, विष्णु सहित सभी देवताओं और संतों ने भाग लिया था। इस हवन कुंड की राख को आज भी भक्त अपने घर ले जाते हैं, और इसे अपने वैवाहिक जीवन के सुखमय होने के लिए एक आशीर्वाद मानते हैं। त्रियुगीनारायण नाम इसी कारण पड़ा क्योंकि यहाँ तीन युगों के चिन्ह देखे जाते हैं, जो भगवान विष्णु, शिव और पार्वती के दिव्य संबंधों को दर्शाते हैं। इस मंदिर परिसर में चार महत्वपूर्ण कुंड स्थित हैं: रुद्राकुंड, विष्णु कुंड, ब्रह्मकुंड और सरस्वती कुंड। इन कुंडों का जल बहुत पवित्र माना जाता है, और यही वह स्थान है जहाँ देवताओं ने शिव-पार्वती के विवाह के दौरान स्नान किया था। विशेष रूप से, सरस्वती कुंड का जल विष्णु की नाभि से उत्पन्न माना जाता है, जिससे इसकी धार्मिक महत्ता और भी बढ़ जाती है।

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र सेवा, अन्नसेवा, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

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