हिंदू धर्म में मां काली को मृत्यु एवं काल की देवी कहा गया है। शास्त्रों के अनुसार, मां भगवती ने राक्षसों पर विजय पाने के लिए उग्र रूप धारण किया था, जिसे मां काली के नाम से जाना गया। मां काली की पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार के भय एवं बाधाओं से मुक्ति मिलती है। मान्यता है कि काली यंत्र अभिषेक करने से मां काली शीघ्र प्रसन्न होती है। इस यंत्र का अभिषेक करने से बाधाओं का नाश होता है और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है। शास्त्रों में कहा गया है कि गुड़हल पुष्प मां काली को बहुत प्रिय है। इस फूल के बिना मां काली की पूजा अधूरी मानी जाती है। जो भक्त लाल गुड़हल के फूलों से मां काली की पूजा करते हैं, उनसे देवी शीघ्र प्रसन्न होती हैं।
माना जाता है कि गुड़हल के फूलों से काली यंत्र का अभिषेक करने से मां काली अपने भक्तों को भय पर विजय पाने के लिए साहस और शक्ति का आशीर्वाद देती हैं। गुड़हल के पुष्प से यंत्र अभिषेक के साथ मां काली तंत्र युक्त यज्ञ करना बहुत ही शुभ माना जाता है। वहीं कालाष्टमी का दिन भगवान शिव के उग्र रूप भैरव जी को समर्पित है। इस दिन माँ काली की पूजा का भी विशेष महत्व है क्योंकि माँ काली भी शक्ति का एक उग्र और शक्तिशाली रूप हैं। इसलिए कालाष्टमी के शुभ दिन पर 1008 गुड़हल पुष्प यंत्र अभिषेक और माँ काली तंत्र युक्त यज्ञ का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और माँ काली से दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।