धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली 'महाविद्या काली' महानुष्ठान दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली 'महाविद्या काली' महानुष्ठान दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली 'महाविद्या काली' महानुष्ठान दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली 'महाविद्या काली' महानुष्ठान दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली 'महाविद्या काली' महानुष्ठान दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली 'महाविद्या काली' महानुष्ठान दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली 'महाविद्या काली' महानुष्ठान दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली 'महाविद्या काली' महानुष्ठान दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ
छोटी दिवाली 'महाविद्या काली' महानुष्ठान

दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ

धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए
temple venue
शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर, वीरभूम, पश्चिम बंगाल
pooja date
Warning InfoBookings has been closed for this Puja
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
srimandir devotees
ఇప్పటి వరకు3,00,000+భక్తులుశ్రీ మందిర్ సేవా నిర్వహించిన పూజలలో పాల్గొన్నాను.
పూజా వీడియో పొందండి icon
పూజా వీడియో పొందండి
పూర్తి పూజా వీడియో 2 రోజుల్లో పంపబడుతుంది.
సరైన ఆచారాలను అనుసరించడమైనది icon
సరైన ఆచారాలను అనుసరించడమైనది
ఆలయంలోని ఉత్తమ పూజారి గారు మీ పూజని చేస్తారు.
జపించడానికి మంత్రం icon
జపించడానికి మంత్రం
ఆశీర్వాదం పొందుటకు విశేష మంత్రాలు క్రింద తెలుపబడ్డాయి
ఆశీర్వాదం బాక్స్ icon
ఆశీర్వాదం బాక్స్
ఆశీర్వాదం బాక్స్ మీ ఇంటి వద్దకే చేర్చబడింది.

धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा के लिए छोटी दिवाली 'महाविद्या काली' महानुष्ठान दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ

सनातन धर्म में काली चौदस का विशेष महत्व है। हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि के दिन काली चौदस मनाई जाती है। इसे छोटी दिवाली और नरक चतुर्दशी भी कहते हैं। यह दिन मां काली को समर्पित है और इस दिन उनकी पूजा शुभ मानी जाती है। मां काली, 10 महाविद्याओं में पहली महाविद्या है और कहा जाता है कि काली चौदस पर मां काली की उपासना करने से वह जल्दी प्रसन्न होती है। वैसे तो मां काली नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश करने वाली देवी के रूप में जानी जाती हैं, लेकिन मान्यता है कि यदि देवी काली किसी पर प्रसन्न हो जाए तो उसे धन और समृद्धि भी प्रदान करती है। कहा जाता है कि काली चौदस का दिन देवी काली को प्रसन्न करने के लिए सबसे शुभ दिनों में से एक है। इसलिए भक्त काली चौदस पर मां काली का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए कई प्रकार के अनुष्ठान करते हैं, जिनमें से दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ भी एक है।

दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एक अग्नि अनुष्ठान है, जिसमें मां काली को समर्पित मंत्र का उच्चारण करते हुए अग्नि में आहुतियां दी जाती है। मां काली को प्रसन्न करने के लिए यह अनुष्ठान सबसे सरल माना जाता है। वहीं काली कवच पाठ मां काली को समर्पित मंत्रों का एक संग्रह है। माना जाता है कि इस कवच का पाठ करने से मां काली द्वारा दैवीय सुरक्षा प्राप्त होती है। माना जाता है कि काली चौदस के दिन यह अनुष्ठान करने से धन-समृद्धि की प्राप्ति एवं बाधाओं से सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि यह अनुष्ठान किसी शक्तिपीठ में किया जाए तो यह अनुष्ठान कई गुना अधिक फलदायी हो सकता है। इसलिए काली चौदस के शुभ अवसर पर पश्चिम बंगाल के शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर में दिव्य महाकाली तंत्र युक्त हवन एवं काली कवच ​​पाठ का आयोजन किया जा रहा है। । पौराणिक कथाओं के अनुसार, ब्रह्मांड के निर्माण से पहले, माँ काली अंधकार के रूप में मौजूद थीं। सृष्टि की शुरुआत करने के लिए, उन्होंने प्रकृति के निर्माण की शुरुआत करते हुए, उज्ज्वल माँ तारा के रूप में प्रकट हुईं। इसी कारण से पश्चिम बंगाल के शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर में मां महाकाली की पूजा का विशेष महत्व है। यह शक्तिपीठ 51 शक्तिपीठों में से एक है और ऐसा माना जाता है कि यहां सती की तीसरी आंख गिरी थी। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और मां काली का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।

शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर, वीरभूम, पश्चिम बंगाल

शक्तिपीठ मां तारापीठ मंदिर, वीरभूम, पश्चिम बंगाल
पौराणिक कथाओं के अनुसार, मां तारा की उत्पत्ति उस समय हुई थी जब समुद्र मंथन के समय विष निकला था, उस दौरान भगवान शिव ने यह विष ग्रहण कर लिया था, जिसके कारण शिवजी के शरीर में अत्याधिक जलन और पीड़ा होने लगी थी। भगवान शिव को पीड़ा से मुक्त करने के लिए मां काली ने दूसरा स्वरूप धारण किया और शिव जी को स्तनपान कराया, जिसके बाद उनके शरीर की जलन शांत हुई थी। इसलिए कहते हैं कि तारा देवी मां काली का ही दूसरा स्वरूप है।

पुराणों के अनुसार पश्चिम बंगाल में स्थित श्री तारापीठ मंदिर तंत्र साधना का जागृत स्थल माना जाता है। 10 महाविद्या में दूसरा स्थान रखने वाली मां तारा यहां अपने सौम्य रूप में विराजित हैं। मान्यता है कि सुदर्शन चक्र से भगवान विष्णु ने मां सती के शरीर के टुकड़े किए थें। उस दौरान माता सती के अंगों में से आंख की पुतली यहां गिरी थी। बांग्ला में आंख की पुतली को तारा कहते हैं और इसलिए इस जगह का नाम तारापीठ पड़ा। यहां पूजा करने से भक्तों के जीवन से सभी तरह की आपदाएं दूर हो जाती हैं।

సమీక్షలు & రేటింగ్స్

శ్రీ మందిరం గురించి మన ప్రియమైన భక్తులు ఏమనుకుంటున్నారో చదవండి.
User Image

Achutam Nair

Bangalore
User review
User Image

Ramesh Chandra Bhatt

Nagpur
User review
User Image

Aperna Mal

Puri
User review
User Image

Shivraj Dobhi

Agra
User review
User Image

Mukul Raj

Lucknow

తరచుగా అడిగే ప్రశ్నలు