हिंदू धर्म में भाद्रपद माह का विशेष महत्व है। यह चातुर्मास का दूसरा महीना भादो के नाम से भी जाना जाता है। पुराणों के अनुसार इस माह में किए गए सभी धार्मिक अनुष्ठान बहुत लाभकारी माने जाते हैं। कलयुग में हनुमान जी को चिरंजीवी कहा गया है। मान्यता है की मंगलवार के दिन पूजा-अर्चना करने से भगवान हनुमान शीघ्र प्रसन्न होते हैं। गोस्वामी तुलसीदास जी द्वारा रचित हनुमान चालीसा, हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए सबसे सरल और शक्तिशाली स्तुति है। उन्होंने हनुमान जी की स्तुति में कई रचनाएं की जिनमें हनुमान बाहुक स्तोत्र और हनुमान चालीसा प्रमुख हैं। अकबर द्वारा जेल में बंदी होने के बाद तुलसीदास जी ने हनुमान चालीसा को अवधी भाषा में लिखा था। हनुमान चालीसा का अर्थ: राम भक्त हनुमान की स्तुति में लिखे गए 40 छंद। जिसका पाठ करने से भक्तों को सभी कष्टों और नकारात्मक शक्तियों से सुरक्षा मिलती है।
वहीं हनुमान जी के मूल मंत्र एक शक्तिशाली मंत्र माना जाता है जिसके जाप से लोगों को शक्ति, सुरक्षा और सफलता की प्राप्ति होती है। इसलिए मंगलवार के शुभ दिन पर उज्जैन में स्थित मायापति हनुमान मंदिर में 11,000 हनुमान मूल मंत्र जाप और हनुमान चालीसा पाठ का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और हनुमान जी का आशीष पाएं। मंगलवार का दिन हनुमान जी की पूजा के साथ-साथ भगवान शनि की पूजा के लिए भी विशेष माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार त्रेतायुग में रावण ने सभी ग्रहों के साथ शनिदेव को भी बंदी बना लिया था। इसके बाद हनुमान जी जब प्रभु श्री राम के आदेश पर मां सीता को ढूंढ़ते हुए लंका पहुंचे तो उन्होंने शनिदेव को भी रावण के बंधन से मुक्त कराया। शनि देव ने हनुमान जी से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान दिया कि उनकी भक्ति करने वाले भक्तों को वह कभी किसी तरह की पीड़ा नहीं देंगे। इसलिए मंगलवार के दिन शनि देव की भी पूजा की जाती है। इस दिन अनुराधा नक्षत्र भी लग रहा है, जिसके स्वामी शनिदेव हैं। ऐसे में इस दिन तिल-तेल अभिषेक कर शनि देव के नकारात्मक प्रभावों से भी मुक्ति पायी जा सकती है। इसलिए पूजा का अत्यधिक फल प्राप्त करने के लिए श्री मंदिर के माध्यम से दुनिया के सबसे बड़े शनि मंदिर, शनि शिंगणापुर में किए जाने वाले तिल-तेल अभिषेक में भी भाग लें और भगवान हनुमान के साथ भगवान शनि देव का भी आशीर्वाद प्राप्त करें।