विघ्नहर्ता (विघ्नों को दूर करने वाले), सुखकर्ता (सुख देने वाले) और दुःखहर्ता (दुःखों को हरने वाले) जैसे कई नामों से प्रसिद्ध, गणेश जी अपनी दिव्य शक्ति से कठिनाइयों को दूर करते हैं और सकारात्मकता का संचार करते हैं।सौभाग्य, समृद्धि और ज्ञान के देवता के रूप में पूजे जाने वाले भगवान श्री गणेश घर में खुशी और समृद्धि लाते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, ऋणनाशक गणेश स्तोत्र एक शक्तिशाली मंत्र है, जिसे ऋणों को समाप्त करने और आर्थिक कठिनाइयों का समाधान करने में सक्षम माना जाता है। इस स्तोत्र का पाठ न केवल आर्थिक बोझ को दूर करता है, बल्कि मानसिक शांति और समृद्धि को आकर्षित करता है। यह स्तोत्र सकारात्मक वातावरण बनाकर दीर्घकालिक आर्थिक समस्याओं से मुक्ति दिलाता है और सफलता व समृद्धि के द्वार खोलता है।
एक अन्य महत्वपूर्ण अनुष्ठान है 1008 गणेश दुर्वा अर्चना, जिसमें भगवान गणेश के 1008 नामों के प्रत्येक उच्चारण के साथ पवित्र दुर्वा घास अर्पित की जाती है। यह प्राचीन परंपरा आशीर्वादों को बढ़ाती है और इच्छाओं की पूर्ति तथा गणेश जी की कृपा सुनिश्चित करती है।
काशी के चिंतामणि गणेश मंदिर में भगवान गणेश के सम्मान में ऋणनाशक गणेश स्तोत्र पाठ और 1008 गणेश दुर्वा अर्चना का आयोजन किया जाएगा। भक्त श्री मंदिर के माध्यम से इस पवित्र भगवान गणेश के अनुष्ठान में भाग लेकर ऋणमुक्ति, धन और समृद्धि प्राप्ति का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।