पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार की खुशहाली के लिए श्राद्ध षष्ठी ज्योतिर्लिंग विशेष 11,000 अघोर मंत्र जाप एवं शिव रुद्राभिषेक
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श्राद्ध षष्ठी ज्योतिर्लिंग विशेष

11,000 अघोर मंत्र जाप एवं शिव रुद्राभिषेक

पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार की खुशहाली के लिए
temple venue
श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश
pooja date
23 September, Monday, श्राद्ध षष्ठी
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पूर्वजों की आत्मा की शांति और परिवार की खुशहाली के लिए श्राद्ध षष्ठी ज्योतिर्लिंग विशेष 11,000 अघोर मंत्र जाप एवं शिव रुद्राभिषेक

सनातन धर्म में पितृ पक्ष का विशेष महत्व है। यह समय पूर्वजों की आत्माओं की शांति के लिए की सबसे शुभ माना गया है। शास्त्रों के अनुसार पितृ पक्ष के दौरान हमारे पूर्वज पितृ लोक से धरती पर आते हैं और अपने वंशजों द्वारा किए गए श्राद्ध, तर्पण और पिंडदान से खुश होकर आशीर्वाद देते हैं। पितृ पक्ष की हर तिथि का अपना विशेष महत्व होता है, जिसमें से एक है षष्ठी तिथि। इस तिथि पर उन पूर्वजों का श्राद्ध करते हैं, जिनकी मृत्यु हिंदु कैलेंडर के अनुसार, किसी भी षष्ठी तिथि को हुई हो या उनकी मृत्यु लंबे वक्त से बीमार होने के कारण हुई हो। पितृ पक्ष का समय पितृ दोष के निवारण के लिए भी शुभ माना जाता है। हिंदु धर्म ग्रंथों के अनुसार 'पितृ दोष' पूर्वजों की अधूरी इच्छाओं और नकारात्मक कर्मों के कारण होता है। पितृदोष के कारण जीवन में आर्थिक हानि, गृह क्लेश आदि जैसी कई तरह की समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है।

शास्त्रों के अनुसार, पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए पितृ पक्ष के दौरान भगवान शिव के रुद्र रूप की पूजा करनी चाहिए, क्योंकि भगवान शिव के रुद्र रूप को मृत्यु, विनाश और अंततः मोक्ष का प्रतीक माना जाता है। भगवान शिव बाधाओं और कर्मों के असंतुलन को नष्ट करने वाले देव है। इसलिए माना जाता है कि पितृ पक्ष के दौरान भगवान शिव के रुद्र रूप को समर्पित 11,000 अघोर मंत्र जाप और शिव रुद्राभिषेक करने से पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार की खुशहाली का आशीर्वाद प्राप्त होता है। शिव अघोर मंत्र भगवान शिव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है, जो आत्माओं को जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्त करने की शक्ति रखता हैं। वहीं रुद्राभिषेक भगवान शिव के रुद्र रूप की सबसे पवित्र और दिव्य पूजा मानी जाती है। यदि यह दिव्य अनुष्ठान किसी ज्योतिर्लिंग में की जाए तो इस पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसलिए पितृ पक्ष की श्राद्ध षष्ठी तिथि पर भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर 11,000 अघोर मंत्र जाप और शिव रुद्राभिषेक का आयोजन किया जा रहा है। शास्त्रों के अनुसार ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिल जाती है। ओंकारेश्वर मंदिर की महिमा का वर्णन स्कंद पुराण, शिव पुराण और वायु पुराण में मिलता है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव और अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा, पितृपक्ष में पूर्वजों के लिए दान पुण्य करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस समय दान करने से दोगुने फल की प्राप्ति होती है, जिनमें पितृ पक्ष विशेष पंच भोग, दीप दान भी शामिल है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए जैसे पंच भोग, दीप दान एवं गंगा आरती का चुनाव करना आपके लिए फलदायी हो सकता है। इसलिए इस पूजा में इन विकल्पों को चुनकर अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश

श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर, खंडवा, मध्य प्रदेश
भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से चौथा ज्योतिर्लिंग है श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग, इन्हें स्वयंभू लिंग माना जाता है। यह मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में नर्मदा नदी के बीच मन्धाता या शिवपुरी नाम के द्वीप पर स्थित है। यहां ज्योतिर्लिंग दो स्वरूप में मौजूद है। जिनमें से एक को ममलेश्वर के नाम से और दूसरे को ओंकारेश्वर नाम से जाना जाता है। ममलेश्वर नर्मदा के दक्षिण तट पर ओंकारेश्वर से थोड़ी दूर स्थित है। अलग होते हुए भी इनकी गणना एक ही की जाती है। ओमकार का उच्चारण सर्वप्रथम स्रष्टिकर्ता ब्रह्मा के मुख से हुआ था। वेद पाठ का प्रारंभ भी ॐ के बिना नहीं होता है। मान्यता है कि मां नर्मदा भी यहां स्वयं ॐ के आकार में बहती हैं। शास्त्रों के अनुसार ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन मात्र से समस्त पापों से मुक्ति मिल जाती है। पुराणों में स्कन्द पुराण, शिवपुराण व वायुपुराण में ओम्कारेश्वर क्षेत्र की महिमा का उल्लेख है।

पौराणिक कथा के अनुसार भोलेनाथ तीनों लोकों के भ्रमण के बाद यहां रात्रि में शयन के लिए आते हैं। कहते हैं पृथ्वी पर ये एकमात्र ऐसा मंदिर है जहां शिव-पार्वती रोज चौसर पांसे खेलते हैं। रात्रि में शयन आरती के बाद यहां प्रतिदिन चौपड़ बिछाए जाते हैं और गर्भग्रह बंद कर दिया जाता है। आश्चर्य की बात है कि जिस मंदिर के भीतर रात के समय परिंदा भी पर नहीं मार पाता है वहां हर दिन चौपड़ बिखरे पाए जाते हैं। यह तथ्य इस मंदिर के धार्मिक महत्व को और बढा देता है यही कारण है कि सभी तीर्थों के दर्शन पश्चात ओंकारेश्वर के दर्शन व पूजन विशेष महत्व है। तीर्थ यात्री सभी तीर्थों का जल लाकर ओमकारेश्वर में अर्पित करते हैं, तभी सारे तीर्थ पूर्ण माने जाते हैं अन्यथा वे अधूरे ही माने जाते हैं।

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व्यक्तिगत पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
1251
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
2001
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
3001
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पितृ पूजा के आशीष के रूप में गंगाजल 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

సమీక్షలు & రేటింగ్స్

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Achutam Nair

Bangalore
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Ramesh Chandra Bhatt

Nagpur
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Aperna Mal

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Shivraj Dobhi

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Mukul Raj

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