🔴 बड़ा मंगल-कालाष्टमी के शुभ संयोग में हनुमान जी 🙏 और माँ काली 🕉️ की कृपा से प्राप्त करें मंगल के अशुभ प्रभावों 🔻 और दुर्भाग्य से मुक्ति ✨
कई बार जीवन में एक साथ अनेक परेशानियाँ और रुकावटें आ जाती हैं, जो लंबे समय तक बनी रहें तो इन्हें दुर्भाग्य का संकेत माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार, इसका एक प्रमुख कारण कुंडली में मंगल ग्रह की अशुभ स्थिति भी हो सकती है। जब मंगल विपरीत होता है, तो जीवन में बार-बार संघर्ष, क्रोध, दुर्घटनाएँ और शत्रुता उत्पन्न होती है। ऐसे समय में, बड़ा मंगल और कालाष्टमी का दुर्लभ संयोग अत्यंत लाभकारी माना गया है। इस बार यह विशेष संयोग बन रहा है, जिसमें माँ काली और संकटमोचन हनुमान जी की आराधना एवं मंगल दोष शांति यज्ञ विशेष फलदायी माने गए हैं। माँ काली, जो दस महाविद्याओं में से एक और आदिशक्ति का उग्र रूप हैं, उनकी कृपा से जीवन की समस्त बाधाएँ और नकारात्मक शक्तियाँ समाप्त होती हैं। वहीं, हनुमान जी को बल, साहस और निर्भयता का प्रतीक माना जाता है, जो हर संकट से अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।
📜 रामायण का वह दिव्य प्रसंग, जहाँ माँ काली ने दी थी हनुमान जी को विजय की शक्ति
रामायण में वर्णित एक कथा के अनुसार, जब राक्षस महिरावण ने विभीषण का रूप धारण कर भगवान राम और लक्ष्मण का पाताल लोक में अपहरण कर लिया, तब हनुमान जी ने मधुमक्खी का रूप लेकर माँ काली की विशाल मूर्ति के समक्ष पहुँचकर प्रार्थना की। उन्होंने पंचमुखी रूप धारण कर एक साथ पाँच दीपकों को बुझाया और महिरावण का वध कर श्रीराम को मुक्त किया। मान्यता है कि हनुमान जी को यह शक्ति माँ काली से प्राप्त हुई थी, और प्रसन्न होकर माँ काली ने उन्हें अपना द्वारपाल बनाया। यह प्रसंग माँ काली और भगवान हनुमान के मध्य गहरे आध्यात्मिक संबंध को दर्शाता है।
ऐसा माना जाता है कि माँ काली, भगवान हनुमान और मंगल ग्रह की संयुक्त आराधना से दुर्भाग्य, भय और ग्रह बाधाएँ शीघ्र दूर हो जाती हैं। इसी उद्देश्य से कोलकाता के प्रसिद्ध कालीघाट मंदिर में एक विशेष अनुष्ठान का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें महाकाली, संकटमोचन हनुमान और मंगल ग्रह को समर्पित शक्तिशाली पूजन व यज्ञ सम्पन्न होंगे। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस दुर्लभ त्रिदेव अनुष्ठान में भाग लें और अपने जीवन में शुभता, शांति और सुरक्षा का आशीर्वाद प्राप्त करें।