🔹शनि अमावस्या को पितृ शांति पूजा के लिए सबसे शक्तिशाली दिन क्यों माना जाता है? 🙏
नारद पुराण के अनुसार, अमावस्या का दिन पितरों की शांति के लिए बहुत शुभ माना जाता है। इस दिन पवित्र स्नान, दान और पितृ पूजा करना विशेष लाभकारी होता है। इस साल 29 मार्च को अमावस्या शनिवार को पड़ रही है, जिसे शनि अमावस्या कहा जाता है। यह 2025 की सबसे महत्वपूर्ण शनि अमावस्या मानी जा रही है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पितरों के लिए की गई पूजा बहुत फलदायी होती है, क्योंकि यह दिन शनि देव को समर्पित होता है। भगवान शनि को कर्मफल दाता माना जाता है, जो हर व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार शुभ या अशुभ फल देते हैं। यदि इस दिन श्रद्धा-भाव से पितृ शांति पूजा की जाए, तो पितर प्रसन्न होते हैं, आशीर्वाद देते हैं और उनकी आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है। शास्त्रों के अनुसार, यदि पूर्वजों का विधिपूर्वक श्राद्ध और तर्पण न किया जाए, तो परिवार को पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है। इससे घर-परिवार में परेशानियाँ, नौकरी और व्यापार में बाधाएँ, संतान की शिक्षा और भविष्य में रुकावटें, तथा गृहस्वामी के स्वास्थ्य संबंधी समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए, शनि अमावस्या पितृ दोष से मुक्ति पाने का एक बेहतरीन अवसर मानी जाती है।
यदि यह पूजा पवित्र नगरी काशी में संपन्न की जाए, तो असाधारण लाभ प्राप्त होता है। हिंदू परंपराओं के अनुसार, भगवान शिव की कृपा से व्यक्ति समस्त दोषों से मुक्ति पा सकता है, जिसमें पितृ दोष भी सम्मिलित है। इसीलिए, महादेव की काशी में पितृ दोष निवारण पूजा करना अत्यंत प्रभावी और फलदायी माना जाता है। गरुड़ पुराण में वर्णित है कि पिशाच मोचन कुंड पर पितरों के लिए किए गए श्राद्ध और तर्पण का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि इस पवित्र स्थल पर पितरों को तर्पण देने से उनकी आत्मा को शांति प्राप्त होती है और वे मोक्ष की ओर अग्रसर होते हैं। साथ ही, मोक्षदायिनी माँ गंगा की पावन गंगा आरती का दर्शन एवं अनुष्ठान करने से व्यक्ति के समस्त पाप नष्ट हो जाते हैं, जिससे न केवल पितरों को शांति प्राप्त होती है, बल्कि परिवार पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। इसीलिए, शनि अमावस्या के पावन अवसर पर काशी के पिशाच मोचन कुंड पर पितृ दोष शांति पूजा एवं गंगा आरती का भव्य आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस दिव्य अनुष्ठान में भाग लें और अपने पितरों की आत्मा की शांति, पारिवारिक सुख-शांति तथा समस्त प्रकार के कलह से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें।