✨एक ऐसा शुभ दिन जब भगवान विष्णु स्वयं राहु-केतु को करते हैं शांत, इस दुर्लभ अवसर को जाने न दें 🌟🙏 🔱
🔱 इस मोहिनी एकादशी भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र के आशीर्वाद से करें काल सर्प दोष का निवारण 🐍🙏✨
वैशाख शुक्ल एकादशी को मोहिनी एकादशी के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार, मोहिनी भगवान विष्णु का एकमात्र स्त्री रूप है। जब समुद्र मंथन के समय देवताओं और असुरों के बीच अमृत को लेकर विवाद हुआ, तब स्थिति गंभीर हो गई। सभी देवता भगवान विष्णु के पास गए और उनसे इस समस्या को सुलझाने की प्रार्थना की। भगवान विष्णु ने मोहिनी का रूप धारण किया। मोहिनी का रूप इतना आकर्षक था कि सभी असुर उसकी ओर खिंचे चले गए और उनका ध्यान अमृत से हट गया। इस बीच मोहिनी ने अमृत देवताओं को पिला दिया।
ऐसा माना जाता है कि मोहिनी एकादशी का दिन काल सर्प दोष से मुक्ति के लिए भी अत्यंत शुभ माना है। यह दोष तब बनता है जब कुंडली के सभी सात ग्रह राहु और केतु के बीच आ जाते हैं। इसे ज्योतिष में सबसे अशुभ योगों में से एक माना जाता है। इस दोष से प्रभावित व्यक्ति अक्सर इन लक्षणों का अनुभव करता है:
🔹 सपनों में सांप या मृत व्यक्ति दिखना
🔹 मानसिक बेचैनी, घबराहट या डर
🔹 पारिवारिक कलह और विवाद
🔹 बुरी आदतों की ओर झुकाव
यदि, अगर आप भी इनमें से किसी लक्षण का अनुभव कर रहे हैं, तो यह संकेत है कि आपको अब उचित उपाय करने की आवश्यकता है। इसी उद्देश्य से श्री मंदिर के माध्यम से शास्त्रों में वर्णित सबसे प्रभावी उपाय के रुप में काल सर्प दोष शांति पूजा और सुदर्शन यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। पौराणिक कथा के अनुसार, सुदर्शन चक्र वह दिव्य अस्त्र है जिससे भगवान विष्णु ने अमृत चुराकर पीने वाले असुर स्वरभानु का सिर उसके धड़ से अलग कर दिया था। यह अस्त्र इतना शक्तिशाली माना जाता है कि सभी असुर इससे भयभीत रहते हैं। राहु और केतु भी इस अस्त्र की शक्ति से डरते हैं और भगवान विष्णु के समक्ष उनका प्रभाव निष्क्रिय हो जाता है। इसीलिए यह ऐसा माना है कि इस पूजा के माध्यम से राहु और केतु के दोष शांत हो सकते हैं और काल सर्प दोष के प्रभाव भी कम हो जाते हैं।
इसी कारण मोहिनी एकादशी के पावन अवसर पर उज्जैन के नवग्रह शनि मंदिर में यह विशेष अनुष्ठान आयोजित किया जा रहा है। इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि यहां हर प्रकार के ग्रह दोष और अन्य ज्योतिषीय बाधाओं का समाधान होता है। यही कारण है कि देशभर से श्रद्धालु अपनी समस्याओं के समाधान के लिए इस मंदिर में आते हैं। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लेकर भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त करें।