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वर्ष की पहली विनायक चतुर्थी पर गणेश जन्मस्थली विशेष

एकदंत गणपति पूजन एवं संकटहर गणपति हवन

पुरानी बाधाओं से मुक्ति और नव वर्ष की सुचारू शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए
temple venue
गणेश डोडीताल मंदिर, उत्तरकाशी, उत्तराखंड
pooja date
3 January, Friday, षौष शुक्ल चतुर्थी
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पुरानी बाधाओं से मुक्ति और नव वर्ष की सुचारू शुरुआत सुनिश्चित करने के लिए वर्ष की पहली विनायक चतुर्थी पर गणेश जन्मस्थली विशेष एकदंत गणपति पूजन एवं संकटहर गणपति हवन

🛕नव वर्ष 2025 की प्रथम विनायक चतुर्थी पर गणेश जन्मस्थली पर पूजा का क्या है महत्व ?

सनातन धर्म में भगवान गणेश को विघ्न हर्ता माना जाता है। इसके अलावा सभी शुभ कार्यों में सबसे पहले भगवान गणेश की पूजा का विधान है। माना जाता है कि यदि किसी भी कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से की जाए तो वह अवश्य ही सफल होता है। यही कारण है कि वर्ष की शुरुआत में ही लोग भगवान गणेश को समर्पित अनुष्ठान करते हैं, इस बार वर्ष 2025 के तीसरे दिन ही शुक्ल चतुर्थी पड़ रही है। शास्त्रों के अनुसार, शुक्ल चतुर्थी पर ही भगवान गणेश का जन्म हुआ था यही कारण है कि इसे विनायक चतुर्थी कहा जाता है। माना जाता है कि इस तिथि पर भगवान गणेश की पूजा करने से सभी बाधाओं से मुक्ति मिलती है। इसलिए श्री मंदिर द्वारा वर्ष की पहली विनायक चतुर्थी पर उत्तराखंड में स्थित और भगवान श्री गणेश की जन्मस्थली माने जाने वाले मंदिर गणेश डोडीताल मंदिर में एकदंत गणपति पूजन एवं संकटहर गणपति हवन का आयोजन कराया जा रहा है।

गणेश डोडीताल मंदिर वह स्थान है, जहां मान्यता है कि इसी स्थान पर भगवान गणेश का जन्म हुआ था। पौराणिक कथा के अनुसार, डोडीताल में माता पार्वती ने अपने उबटन से भगवान गणेश की आकृति बनाई और उसमें प्राण फूंके। स्नान के दौरान उन्होंने गणेश जी को द्वार पर पहरा देने का आदेश दिया। जब भगवान शिव वहां पहुंचे और गणेश जी ने उन्हें रोका, तो क्रोध में शिवजी ने उनका सिर काट दिया। बाद में माता पार्वती के आग्रह पर शिवजी ने गणेश जी को जीवनदान दिया और उनके सिर पर हाथी का मस्तक स्थापित किया। यही कारण है कि इस मंदिर में गणेश जी की पूजा करने से कई गुना अधिक फल की प्राप्ति होती है। एकदंत गणपति पूजन एवं संकटहर गणपति हवन, भगवान गणेश को समर्पित एक विशेष अनुष्ठान है। मान्यता है कि वर्ष की प्रथम विनायक चतुर्थी पर यह अनुष्ठान करने से पुरानी बाधाओं से मुक्ति और नव वर्ष की सुचारू शुरुआत सुनिश्चित करने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा को अभी बुक करें और भगवान गणेश के आशीर्वाद के माध्यम से नव वर्ष की शुभ शुरुआत और पुरानी बाधाओं से मुक्ति प्राप्त करें।

गणेश डोडीताल मंदिर, उत्तरकाशी, उत्तराखंड

गणेश डोडीताल मंदिर, उत्तरकाशी, उत्तराखंड
डोडीताल, उत्तरकाशी जिले में स्थित, एक पवित्र धार्मिक स्थल है, जिसे भगवान गणेश के जन्मस्थान के रूप में जाना जाता है। यह स्थान प्रकृति की अद्भुत गोद में बसा हुआ है और यहां की दिव्यता और शांति इसे भक्तों और पर्यटकों के लिए विशेष बनाती है। पौराणिक कथा के अनुसार, माता पार्वती ने डोडीताल में भगवान गणेश को जन्म दिया था। यह कहा जाता है कि माता पार्वती स्नान के लिए जा रही थीं और उन्होंने अपने शरीर पर उबटन लगाया। उसी उबटन से उन्होंने एक बालक की आकृति बनाई और उसमें प्राण फूंक दिए। इसके बाद माता पार्वती ने गणेश जी को आदेश दिया कि वे द्वार पर खड़े होकर उनकी अनुमति के बिना किसी को भीतर न आने दें। इस दौरान भगवान शिव वहां पहुंचे, लेकिन जब गणेश जी ने उन्हें रोका, तो शिवजी ने क्रोध में आकर उनका सिर काट दिया। बाद में, माता पार्वती के दुख और आग्रह पर भगवान शिव ने गणेश जी को जीवनदान दिया और उनके सिर पर हाथी का मस्तक स्थापित किया।

डोडीताल झील के किनारे स्थित यह मंदिर न केवल भगवान गणेश की महिमा का प्रतीक है, बल्कि उनकी माता, देवी पार्वती की मातृत्व शक्ति का भी प्रतीक है। झील का शांत और निर्मल जल, चारों ओर फैली हरियाली और हिमालय की पृष्ठभूमि इस स्थान को दिव्यता का अद्वितीय अनुभव प्रदान करते हैं। डोडीताल का धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है। गणेश जी के जन्म से जुड़ी यह पवित्र भूमि हर श्रद्धालु को भगवान गणेश के आशीर्वाद और माता पार्वती की कृपा प्राप्त करने का अवसर देती है। यह स्थान न केवल आध्यात्मिक शांति का स्रोत है, बल्कि भारत की प्राचीन संस्कृति और धार्मिकता का जीवंत उदाहरण भी है।

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व्यक्तिगत पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

पार्टनर पूजा

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पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
गणेश डोडीताल मंदिर में भगवान गणेश को फल, मिठाई और सूखे मेवे का भोग चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
गणेश डोडीताल मंदिर में भगवान गणेश को पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे से युक्त भोग अर्पित किया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

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