दुर्गाष्टमी और बड़े मंगल के दुर्लभ संयोग में आप भी करें हनुमान जी, काल भैरव और माँ काली की अडिग शक्ति का आह्वान ✨
हिंदू धर्म में प्रत्येक माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गाष्टमी के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है लेकिन इस बार की दुर्गाष्टमी विशेष महत्व रखती है, क्योंकि इसी दिन बड़ा मंगल भी पड़ रहा है। यह दुर्लभ संयोग यह शुभ योग भगवान हनुमान, काल भैरव और मां काली की पूजा के लिए अत्यंत फलदायी माना जाता है। मान्यता है कि इन तीनों दिव्य शक्तियों की संयुक्त उपासना से जीवन में छिपे भय, तंत्र बाधा और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है तथा एक मजबूत सुरक्षा कवच की प्राप्ति होती है। हमारे सनातन धर्म में भगवान हनुमान साहस और अडिग भक्ति के प्रतीक हैं, भगवान काल भैरव अज्ञानता और अंधकार को दूर करते हैं, और मां काली बुराई पर विजय और दिव्य शक्ति का संचार करती हैं। इनके रक्षक स्वरूप होने के कारण ये भक्तों को भय, बाधा और शत्रुओं से रक्षा प्रदान करते हैं।
भगवान काल भैरव को काशी का कोतवाल भी माना जाता है, जो अदृश्य रूप से नगर और भक्तों की सुरक्षा करते हैं। संकटमोचन के रूप में पूजित हनुमान जी की उपासना से भय और बाधाएं दूर होती हैं। वहीं मां काली एक उग्र शक्ति हैं, जो तांत्रिक प्रभावों, भय और नकारात्मक शक्तियों का समूल नाश करती हैं। ये सभी दिव्य शक्तियां मिलकर भक्तों की नकारात्मक ऊर्जा और छुपी बाधाओं को दूर कर संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करती हैं। इसी दिव्य सुरक्षा और शक्ति के आशीर्वाद हेतु श्री मंदिर द्वारा दुर्गाष्टमी और बड़ा मंगल के शुभ अवसर पर शक्तिपीठ कालीघाट मंदिर में श्री हनुमान, भैरव और महाकाली का संपूर्ण सुरक्षा महायज्ञ आयोजित किया जाएगा। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लेकर नकारात्मकता से पूर्ण सुरक्षा और शत्रुओं पर विजय का आशीर्वाद प्राप्त करें।