🌑 राहु गोचर चेतावनी: दैवीय सुरक्षा से राहु के नकारात्मक प्रभाव पर काबू पाएं।
👉 क्या माँ बगलामुखी और बाबा भैरव राहु के नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकते हैं? 👇
18 मई, 2025 को राहु मीन राशि से कुंभ राशि में जाएगा और केतु कन्या राशि से सिंह राशि में परिवर्तन करेगा। यह एक खास और तीव्र ग्रह परिवर्तन है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, यह बदलाव मन की उलझन, भावनात्मक अस्थिरता और लंबे समय तक भ्रम की स्थिति बना सकता है। यह गोचर सेहत, सोच और तरक्की पर असर डाल सकता है, खासकर उन लोगों पर जिनकी कुंडली में राहु-केतु की स्थिति ठीक नहीं है या जो पुराने कर्मों के असर से परेशान हैं। सनातन धर्म में राहु को अशुभ और पाप ग्रह माना गया है। लोग इसकी चर्चा से ही परेशान हो जाते हैं क्योंकि माना जाता है कि राहु का बुरा असर राजा को भी कंगाल बना सकता है। राहु को कलियुग का देवता कहा गया है। इसलिए इसके प्रभाव को कम करने के लिए माँ बगलामुखी और बाबा भैरव की पूजा की जाती है। ये दोनों देवता कलियुग में रक्षा करने वाले माने जाते हैं। इनकी मूर्तियों में अक्सर हाथ में फंदा या शिकारी होता है जो उनकी शक्ति को दिखाता है, जिससे नौ ग्रह भी डरते हैं।
माँ दुर्गा के दस रूपों में से आठवीं महाविद्या हैं माँ बगलामुखी। इन्हें शत्रुओं की बुद्धि और बोल को रोकने वाली देवी कहा जाता है। इनकी पूजा से दुश्मनों के बुरे इरादे और चालें बेअसर हो जाती हैं। इसलिए माँ बगलामुखी की तांत्रिक पूजा बहुत प्रभावी मानी जाती है। इसी तरह भगवान शिव के एक रूप बाबा काल भैरव की पूजा भी बुरी ऊर्जा को खत्म करने के लिए की जाती है। माना जाता है कि बाबा भैरव की कृपा से हर तरह की नकारात्मक शक्ति खत्म हो जाती है। शास्त्रों के अनुसार, माँ बगलामुखी और बाबा भैरव की पूजा राहु के बुरे असर को शांत करती है। राहु धोखा, डर, मानसिक उलझन और छिपे हुए दुश्मनों से जुड़ा ग्रह है। इसका असर जीवन में भ्रम, नकारात्मक सोच और अड़चनों को बढ़ाता है। ऐसे में माँ बगलामुखी की पूजा और बाबा भैरव की उपासना काफी असरदार मानी जाती है।
इसी वजह से राहु के इस गोचर के समय उज्जैन के माँ बगलामुखी मंदिर में खास पूजा का आयोजन किया जा रहा है। इसमें मां बगलामुखी तंत्र युक्त यज्ञ, बटुक भैरव आपदा हरण पूजा और राहु ग्रह शांति हवन किया जाएगा। मान्यता है कि इन पूजाओं में भाग लेने से राहु से जुड़ी परेशानियाँ, भ्रम और दुर्भाग्य दूर होता है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लेकर माँ बगलामुखी और बाबा भैरव का आशीर्वाद प्राप्त करें।