🛕🛕 महाकुंभ और गुरुवार के शुभ अवसर पर 6 ब्राह्मणों द्वारा की जाने वाली इस 12 घंटे की विशेष विष्णु पूजा में भाग लें 🐚🙏🐚🙏
हिंदू परंपरा में सबसे बड़ा और सबसे शुभ आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ प्रयागराज में हर 12 साल में एक बार होता है, जब वृषभ राशि में बृहस्पति और मकर राशि में सूर्य की दुर्लभ खगोलीय स्थिति बनती है। 2025 में, यह संरेखण महाकुंभ मेले की शुरुआत का प्रतीक है, जो भक्तों को दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने और आध्यात्मिक परिवर्तन का अनुभव करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करता है। इस पवित्र अवधि के दौरान पूजा करने से उनके आध्यात्मिक लाभ में काफी वृद्धि होती है। इस महाकुंभ उत्सव के दौरान पड़ने वाला गुरुवार भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह पवित्र दिन भगवान विष्णु को समर्पित है और इस दिन उनकी पूजा करने से वो शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसलिए, इस शुभ दिन पर प्रयागराज में त्रिवेणी संगम पर सत्य नारायण कथा, 51,000 विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र जाप और सुदर्शन हवन का आयोजन किया जाएगा। यह महा अनुष्ठान 12 घंटे तक चलेगा और 6 अनुभवी ब्राह्मणों द्वारा अत्यंत भक्ति के साथ आयोजित किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हर पल भगवान विष्णु के आशीर्वाद और दिव्य कृपा से भरा हो। स्कंद पुराण के अनुसार भगवान सत्यनारायण श्री हरि विष्णु के ही एक रूप हैं। पुराणों में सत्यनारायण व्रत की कथा को बहुत महत्व दिया गया है। सत्यनारायण कथा की महिमा स्वयं भगवान सत्यनारायण ने नारद मुनि को सुनाई थी।
शास्त्रों में उल्लेख है कि सत्यनारायण कथा का पाठ करने से हजारों वर्षों तक किए गए यज्ञ के बराबर फल मिलता है। ऐसा माना जाता है कि महाकुंभ और गुरुवार के शुभ संयोग पर इस कथा को करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, जिससे भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है। वहीं, विष्णु द्वादशाक्षरी मंत्र केवल एक मंत्र नहीं बल्कि भगवान विष्णु का महामंत्र है। ऐसा माना जाता है कि इस शक्तिशाली मंत्र के प्रभाव से भक्त अपने इच्छित फल प्राप्त कर सकते हैं। इसी तरह, सुदर्शन हवन भगवान सुदर्शन को समर्पित एक पवित्र अग्नि अनुष्ठान है, जो भगवान विष्णु के उग्र और सुरक्षात्मक रूप हैं, जिनका प्रतीक सुदर्शन चक्र है, जो शक्तिशाली ऊर्जा वाला एक दिव्य चक्र है। ऐसा माना जाता है कि इस हवन को करने से भक्तों को सुरक्षा, आशीर्वाद और समग्र कल्याण का आशीर्वाद मिलता है। इन तीनों अनुष्ठानों को एक साथ करने से भक्तों को भौतिक सुख और भावनात्मक कल्याण का आशीर्वाद मिलता है। श्री मंदिर के माध्यम से इस 12 घंटे के लंबे व अखंड महाअनुष्ठान में भाग लें और भगवान विष्णु का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करें।