👉हनुमान जयंती पर क्यों प्रभावशाली मानी जाती है पंचमुखी हनुमान की पूजा? 🙏
कन्नड़ पंचांग के मुताबिक, मार्गशीर्ष महीने के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस दिन को हनुमान व्रतम के नाम से भी जाना जाता है। कर्नाटक में हनुमान जयंती को बहुत धूमधाम से मनाया जाता है। भगवान हनुमान को बजरंगबली के नाम से भी जाना जाता है। भगवान राम के भक्त कहे जाने वाले हनुमान जी अपनी असीम शक्ति, साहस और अटूट निष्ठा के लिए जाने जाते हैं। हनुमान जी को संकट मोचन कहा जाता है, जिसका अर्थ है बाधाओं को दूर करने वाला या मुसीबतों से मुक्ति दिलाने वाला। यह उपाधि उनके निस्वार्थ सेवा से आती है, जहां वे हमेशा संकट के समय में भगवान राम और उनके भक्तों की सहायता के लिए आए। संकट मोचन के रूप में उनकी उपाधि को उजागर करने वाली सबसे प्रसिद्ध घटनाओं में से एक वह है जब उन्होंने रावण के साथ युद्ध के दौरान लक्ष्मण जी की जान बचाने के लिए संजीवनी बूटी लाई थी। राक्षस कालनेमि जैसी बाधाओं के बावजूद, हनुमान की बुद्धिमत्ता और भक्ति ने सुनिश्चित किया कि लक्ष्मण जी बच गए।
यही कारण है कि हनुमान जयंती पर भक्त हनुमानजी की कृपा एवं जीवन में बाधाओं पर विजय प्राप्ति के लिए शक्ति, बुद्धि और विवेक पाने के लिए कई तरह के अनुष्ठान करते हैं, जिसमें कलेश विकार पंचमुखी हनुमान पूजा और अंजनेय स्वामी अलंकारम अत्यंत प्रभावशाली माना जाता है। कलेश विकार पंचमुखी हनुमान पूजन में भगवान हनुमान के पंचमुखी रूप की आराधना की जाती है। पंचमुखी हनुमान, जो कि भगवान के पांच स्वरूपों - हनुमान, नरसिंह, गरुड़, वराह, और हयग्रीव का प्रतीक हैं, उनके माध्यम से भक्तों को अत्यंत शक्ति, साहस, और बौद्धिक प्रखरता प्राप्त होती है। वहीं इसके अतिरिक्त, अंजनेय स्वामी अलंकारम में भगवान हनुमान की मूर्ति का दिव्य श्रृंगार किया जाता है। इस पूजा के माध्यम से भक्त भगवान से अपने जीवन में विवेक, बुद्धिमत्ता और साहस का आशीर्वाद प्राप्त करते हैं, जो उन्हें कठिन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने और सफलता प्राप्त करने में सहायता करता है। इसलिए हनुमान जयंती के दिन उज्जैन के मायापति हनुमान मंदिर में कलेश विकार पंचमुखी हनुमान पूजा और अंजनेय स्वामी अलंकारम का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और हनुमान जी का आशीष पाएं।