इन विशेष अनुष्ठानों में भाग लेकर बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभावों को करें कम, पाएं सुखी वैवाहिक जीवन का आशीष ✨🙏 🌟
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, बृहस्पति ग्रह हमारे वैवाहिक जीवन और समृद्धि पर अत्यंत गहरा प्रभाव डालता है। बृहस्पति, जिन्हें देवगुरु के रूप में जाना जाता है, विवाह के कारक ग्रह माने जाते हैं। यदि यह ग्रह कुंडली में अशुभ स्थिति में हो, तो विवाह में विलंब, वैवाहिक जीवन में असंतुलन और जीवन में तनाव उत्पन्न हो सकता है। अविवाहित व्यक्तियों के विवाह संबंधी निर्णय प्रभावित होते हैं और विवाहित जीवन में मतभेद या अस्थिरता आ सकती है। शास्त्रों में स्पष्ट कहा गया है कि बृहस्पति की शांति के लिए भगवान विष्णु की पूजा अत्यंत फलदायी होती है, क्योंकि भगवान विष्णु स्वयं गुरु के प्रतिनिधि माने गए हैं।
इसी उद्देश्य से काशी के पवित्र श्री बृहस्पति मंदिर में विशेष अनुष्ठानों का आयोजन किया जा रहा है। गुरुवार के दिन बृहस्पति गुरु ग्रह यज्ञ, विष्णु सहस्रनाम पाठ और केले के वृक्ष की पूजा जैसे पूजन-विधानों से बृहस्पति की कृपा प्राप्त की जा सकती है। मान्यता है कि इन उपायों से न केवल विवाह संबंधी समस्याएं दूर होती हैं, बल्कि जीवन में सुख, संतुलन और समृद्धि का आगमन होता है। बृहस्पति गुरु ग्रह यज्ञ को धार्मिक वेदों में अत्यंत प्रभावशाली उपाय माना गया है, जो बृहस्पति के दोषों को शांत कर जीवन में शुभता और सौभाग्य लाता है।
वहीं विष्णु सहस्रनाम, भगवान विष्णु के एक हजार नामों का संग्रह है, जिसका पाठ महाभारत में भीष्म पितामह द्वारा युधिष्ठिर को उपदेश स्वरूप दिया गया था। इस स्तोत्र के पाठ से यश, ऐश्वर्य और मानसिक शांति प्राप्त होती है। साथ ही केले के पेड़ की पूजा, जो बृहस्पति और विष्णु दोनों का प्रतीक है, इन अनुष्ठानों की शक्ति को और भी बढ़ा देती है। गुरुवार को की गई यह पूजा विशेष रूप से फलदायी मानी जाती है, जिससे विवाह संबंधी अड़चनें दूर होती हैं और आदर्श जीवनसाथी की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और बृहस्पति ग्रह व भगवान विष्णु का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करें।