बड़े मंगल पर करें शत्रुनाशिनी माँ बगलामुखी और विजयदाता हनुमान की संयुक्त आराधना 🔱⚔️
सनातन धर्म में पूजनीय दस महाविद्याओं में माँ बगलामुखी को आठवीं देवी माना गया है, जो शत्रु बाधा नाशिनी के रूप में जानी जाती हैं। उनकी उपासना से नकारात्मक शक्तियाँ निष्क्रिय होती हैं और विरोधियों पर विजय प्राप्त होती है। वहीं संकटमोचक भगवान हनुमान शक्ति, साहस और अटूट भक्ति के प्रतीक हैं, जो अपने भक्तों को हर प्रकार की बाधाओं और नकारात्मकता से सुरक्षा प्रदान करते हैं। ऐसा माना जाता है कि इन दोनों देवताओं की संयुक्त आराधना विशेष फलदायी होती है, और ज्येष्ठ मास के मंगलवार, जिन्हें 'बड़ा मंगल' कहा जाता है, इस साधना के लिए अत्यंत शुभ माने जाते हैं। मान्यता है कि इसी दिन प्रभु श्रीराम और हनुमान जी की पहली भेंट हुई थी, इसी कारण यह दिन इन दोनों देवताओं की कृपा पाने के लिए अत्यंत शुभ माना गया है।
🌟 क्यों की जाती है माँ बगलामुखी के साथ हनुमान जी की पूजा: एक रहस्यमयी दिव्य संयोग
हिंदू मान्यताओं के अनुसार, भगवान राम ने रावण पर विजय पाने के लिए हनुमान की सलाह से माँ बगलामुखी की आराधना की थी। माना जाता है कि उनकी कृपा से शत्रु शक्तिहीन हो जाते हैं। इसी प्रकार, वाल्मीकि रामायण में भगवान हनुमान द्वारा राक्षस कालनेमि का वध और संजीवनी बूटी लाकर लक्ष्मण को बचाने की कथा प्रसिद्ध है। उनकी भक्ति और वीरता ने विजय का मार्ग प्रशस्त किया। मान्यता है कि माँ बगलामुखी और भगवान हनुमान की संयुक्त आराधना से जीवन की बाधाएं, शत्रु और नकारात्मकता पर विजय प्राप्त होती है। इसीलिए श्री मंदिर, उज्जैन स्थित माँ बगलामुखी मंदिर में एक विशेष पूजा का आयोजन कर रहा है:
🔱 माँ बगलामुखी शत्रु बुद्धि विनाशिनी यज्ञ – यह यज्ञ शत्रुओं की बुद्धि को भ्रमित कर उन्हें निष्क्रिय करने के लिए किया जाता है, जिससे जीवन की परेशानियाँ दूर होती हैं।
🛡️ हनुमान शत्रुंजय पूजन – यह पूजा भगवान हनुमान की शक्ति से शत्रुओं पर विजय और साहस की प्राप्ति के लिए की जाती है।