क्या आप दिल से भारी, दिमाग से बेचैन या नींद न आने की तकलीफ से जूझ रहे हैं? 🌙🕉️
आजकल की तेज़-तर्रार ज़िंदगी में हम में से कई लोग चुपचाप तनाव, चिंता और थकान सहते रहते हैं। लेकिन सोमवती अमावस्या की पवित्र रात, जब चाँद छुप जाता है और आप अपने मन के अंदर ही ध्यान केंद्रित करता हैं, आपको भगवान शिव और चंद्रमा की कृपा से अपने मन का बोझ हल्का करने का खास मौका मिलता है। इस खास दिन पर चार प्रहर चंद्र ध्यान यज्ञ आयोजित किया जा रहा है। यह पूजा खासतौर पर दिमाग को शांत करने, भावनाओं को साफ करने और गहरी नींद पाने के लिए फलदायी मानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि जब अमावस्या सोमवार को आती है, तब चंद्रमा की ठंडी ऊर्जा और शिव की गहरी शांति मिलकर हमें अंदर से ठीक करती है। यह रात संघर्ष की नहीं, बल्कि समर्पण की होती है। वह वक्त जब आप वह सब छोड़ देते हैं, जो अब आपके बस की बात नहीं। भगवान शिव, जो चुपचाप सब देखते हैं, आपके दिल के दर्द और थकावट को दूर करते हैं। चंद्रमा हमारे विचारों, भावनाओं और नींद का मालिक है। इस खास तिथि पर इन दोनों देवताों को समर्पित संयुक्त पूजा करने से मन शांत होता है, दिल हल्का होता है और भावनाओं का संतुलन वापस आता है।
यह पूजा रात के चार प्रहरों में आयोजित होगी, जो धीरे-धीरे आपको अपने अंदर की थकान और तनाव से मुक्त करने में मदद करेगी। यह पूजा मन को साफ करने और अच्छे इरादे बनाने से शुरू होती है फिर चंद्र भगवान के मंत्र और तुलसी का दीप जलाकर मन को शांति दी जाती है। उसके बाद भगवान शिव के ध्यान से दिल की भावनाएँ खुलती हैं। अंत में सुबह से पहले मन पूरी तरह से शांत और साफ हो जाता है। यह पवित्र यज्ञ काशी के ओंकारेश्वर मंदिर में होगा, जो शिव के ध्यान के लिए प्रसिद्ध है। इस मंदिर की शांति आपकी अंदर की तकलीफ दूर करने में मदद करेगी। अगर आप तनाव, दुख या थकान महसूस कर रहे हैं, तो यह पूजा आपके लिए बहुत लाभदायक होगी। यह रात आपके जीवन में शोर की जगह सुकून, तनाव की जगह आराम और उलझन की जगह समझदारी लेकर आएगी। सोमवती अमावस्या को हमारे साथ जुड़िए और शिव-चंद्र की कृपा से खुद से मिलने का यह खास अनुभव पाइए।