सनातन धर्म में कार्तिक मास का विशेष महत्व होता है, वहीं इस माह में आने वाले त्योहार भी अत्यंत प्रभावशाली होते हैं। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष में षष्ठी तिथि को छठ पूजा मनाई जाती है। यह पर्व भगवान सूर्य को और षष्ठी माता को समर्पित है। इस दिन सूर्यदेव को अर्घ्य देने का विधान है। हिंदु धर्म में सूर्य देव का विशेष स्थान है। यह एकलौते ऐसे देव है जो प्रत्यक्ष रूप में हैं। मार्कंडेय पुराण के अनुसार, सम्पूर्ण जगत जब अंधकार में डूबा था, तब ब्रह्मा जी के मुख से निकले प्रथम शब्द ‘ॐ’ के तेज से ही सूर्य की उत्पत्ति हुई थी। वेदों में सूर्य देव को साहस, प्रसिद्धि, राजनीति, नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और ऊर्जा प्रदान करने वाला देवता बताया गया है। कहा जाता है कि देव सूर्य की उपासना से व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। यही कारण है कि भक्त सूर्य देव को प्रसन्न करने और उनका आशीष प्राप्त करने के लिए कई तरह के अनुष्ठान करते हैं, जिनमें से सूर्य गायत्री मंत्र का जाप एवं आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ भी एक है। सूर्य गायत्री मंत्र, सूर्य देव को समर्पित एक शक्तिशाली मंत्र है। कहते हैं कि इस मंत्र के जाप के माध्यम से सूर्य देव जैसा तेज उत्पन्न होता है।
वहीं आदित्य स्तोत्र पाठ का वर्णन वाल्मीकि रामायण में मिलता है, जहां ऋषि अगस्त्य ने भगवान राम को रावण पर विजय प्राप्त करने के लिए इसका वर्णन किया था। कहा जाता है कि यह श्रृद्धापूर्वक इस स्तोत्र का पाठ किया जाए तो व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। मान्यता है कि यदि सूर्य देव को समर्पित रविवार के दिन 51,000 सूर्य गायत्री मंत्र जाप और आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ करने से राजनीति एवं सरकारी नौकरियों में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। यदि यह अनुष्ठान छठ पूजा पर किया जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकता है, क्योंकि यह पर्व सूर्यदेव को समर्पित है। इसलिए छठ पर्व के शुभ अवसर पर श्री गलता जी सूर्य मंदिर में 51,000 सूर्य गायत्री मंत्र जाप और आदित्य हृदय स्तोत्र पाठ का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और सूर्य देव द्वारा राजनीति एवं सरकारी नौकरियों में सफलता का आशीष प्राप्त करें।