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🌟 अक्षय तृतीया का पावन अवसर बन सकता है आपकी पैसों से जुड़ी सभी परेशानियों का समाधान 💰✨
क्या आप भी पैसे की तंगी और बचत जैसी परेशानियों से तंग आ चुके हैं और इन समस्याओं के निवारण हेतु किसी प्रभावी उपाय की तलाश में हैं? यदि हाँ, तो अक्षय तृतीया का शुभ अवसर आपकी इन परेशानियों के समाधान का एक निर्णायक दिन सिद्ध हो सकता है। अक्षय तृतीया, जो वैशाख शुक्ल पक्ष की तृतीया को मनाई जाती है, सनातन धर्म में अत्यंत शुभ एवं पुण्यदायक तिथि मानी जाती है। “अक्षय” का अर्थ होता है—जिसका कभी क्षय न हो, अर्थात् इस दिन किए गए जप, तप, दान और पूजा का फल अनंत काल तक बना रहता है। यही कारण है कि यह तिथि विवाह, गृह प्रवेश, व्यापार आरंभ जैसे मांगलिक कार्यों के लिए श्रेष्ठ मानी जाती है। यह दिन विशेष रूप से माँ लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा के लिए शुभ माना गया है, क्योंकि माँ लक्ष्मी धन, समृद्धि और सौभाग्य की अधिष्ठात्री देवी हैं, जबकि कुबेर देव धन के रक्षक और देवताओं के कोषाध्यक्ष माने जाते हैं। कहते हैं कि भगवान शिव द्वारा उन्हें यह विशेष उपाधि प्रदान की गई थी। ऐसी मान्यता है कि अक्षय तृतीया के दिन इन दोनों देवताओं की संयुक्त पूजा से आर्थिक स्थिरता, समृद्धि और सुख-शांति की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन से दरिद्रता दूर होती है और जीवन में स्थायी धन, वैभव और सौभाग्य का संचार करती है।
इन्हीं दिव्य लाभों की प्राप्ति के लिए भगवान कुबेर और माँ लक्ष्मी को समर्पित विशेष अनुष्ठान जैसे कुबेर भण्डारी महारुद्राभिषेक एवं लक्ष्मी श्री सूक्तम धन प्रकाश शक्ति पाठ का आयोजन किया जा रहा है। यह अनुष्ठान इसलिए और भी विशेष है क्योंकि इसका आयोजन भारत के उन विरले मंदिरों में से एक में हो रहा है जहाँ भगवान कुबेर शिवलिंग रूप में विराजमान हैं। यह प्राचीन मंदिर उत्तराखंड के अल्मोड़ा के समीप स्थित है और ऐसा माना जाता है कि यह देश का सबसे प्राचीन कुबेर मंदिर है। आज भी यहाँ भगवान शिव के रूप में कुबेर देव की पूजा होती है। मान्यता है कि इस मंदिर में कुबेर भण्डारी महाभिषेक कराने से भक्तों को अपार धन की प्राप्ति होती है और भगवान कुबेर एवं भगवान शिव स्वयं उनकी आर्थिक समस्याओं से रक्षा करते हैं। वहीं लक्ष्मी श्री सूक्तम धन प्रकाश पाठ के साथ किया गया रुद्राभिषेक व्यापार में सफलता और जीवन में समृद्धि लाता है। अतः अक्षय तृतीया के इस पुण्य अवसर पर इस दिव्य अनुष्ठान में श्री मंदिर के माध्यम से सहभागी बनें और भगवान कुबेर तथा माँ लक्ष्मी का विशेष आशीर्वाद प्राप्त करें।