😩 क्या आप जीवन में अंतहीन चुनौतियों और असफलताओं से जूझ रहे हैं? 🛡️ क्या आप दिव्य सुरक्षा और स्थायी शांति चाहते हैं?
✨ पवित्र शक्तिपीठों पर अष्टमी सप्तशती पाठ और नवमी महाशक्ति हवन के साथ माँ दुर्गा की सर्वोच्च शक्ति का आह्वान करें🔥🌺
हिंदु धर्म में नवरात्रि का विशेष महत्व है। नौ दिनों तक चलने वाले इस पर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। नवरात्रि की पूरी अवधि के दौरान भक्त मां दुर्गा एवं उनके स्वरूपों को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के दिव्य अनुष्ठान करते हैं। जिनमें से दुर्गा सप्तशती का पाठ एवं दुर्गा महाशक्ति हवन है। दुर्गा सप्तशती की उत्पत्ति मार्कण्डेय पुराण से हुई है, जो 18 प्रमुख पुराणों में से एक है। माना जाता है कि दुर्गा सप्तशती में मौजूद 700 छंद इतने शक्तिशाली है कि जो कोई भी व्यक्ति इसका पाठ कर लेता है उसे मां दुर्गा का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है और उसके जीवन की सारी बाधाएं समाप्त हो जाती है। वहीं मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए भक्त महाशक्ति हवन भी करते हैं। दुर्गा महाशक्ति हवन एक विशेष धार्मिक अग्नि अनुष्ठान है, जिसमें मां दुर्गा को समर्पित विशेष मंत्रों का उच्चारण करते हुए अग्नि में आहुति दी जाती है। माना जाता है कि इस हवन के माध्यम से देवी दुर्गा की महाशक्ति का आह्वान किया जाता है, जिससे भक्तों को पापों से मुक्ति एवं सुख समृद्धि प्राप्त होती है। माना जाता है कि नवरात्रि के शुभ समय के दौरान दुर्गा सप्तशती पाठ एवं दुर्गा महाशक्ति हवन को करने से जीवन में बाधाओं से पापों से मुक्ति मिलती है।
वहीं यदि यह दोनों अनुष्ठान शक्तिपीठों में किये जाएं तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकता हैं। बिहार के गया जिले में स्थित मां मंगलागौरी मंदिर पवित्र 51 शक्तिपीठों में से एक है। पौराणिक कथानुसार, मां सती के वक्ष (स्तन) इसी स्थान पर गिरा और दो शिलाओं में परिवर्तित हो गया। मान्यता है कि मंदिर में मौजूद इन शिलाओं को स्पर्श करने से ही अमरत्व प्राप्त होता है। वहीं कोलकाता में स्थित कालीघाट मंदिर भी 51 शक्तिपीठों में से एक है। मान्यता है कि देवी सती के दाहिने पैरी की उंगली इसी स्थान पर गिरी थी। कहा जाता है कि नवरात्रि के दौरान इन दो पवित्र शक्तिपीठों में पूजा करने से दैवीय सुरक्षा प्राप्त होती है। इसलिए नवरात्रि अष्टमी पर इन दो पवित्र शक्तिपीठों में दुर्गा सप्तशती पाठ एवं नवरात्रि नवमी पर दुर्गा महाशक्ति हवन का आयोजन किया जा रहा है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इन दो विशेष दिनों तक चलने वाली इस संयुक्त पूजा में भाग लें और मां दुर्गा द्वारा जीवन में बाधाओं एवं पापों से मुक्ति का आशीर्वाद प्राप्त करें।