🙏शनि जयंती और बड़ा मंगल के इस पावन अवसर पर, हनुमान जी की कृपा से हर संघर्ष पर पाएं विजय।
27 मई को दो अत्यंत शक्तिशाली तिथियाँ—शनि जयंती और बड़ा मंगल—एक साथ आ रही हैं, जो इस दिन को आध्यात्मिक उत्थान और दिव्य आशीर्वाद के लिए बेहद प्रभावशाली बनाती हैं। सनातन धर्म में जब दो आध्यात्मिक रूप से शक्तिशाली तिथियाँ एक साथ आती हैं, तो वे ब्रह्मांडीय शक्तियों से जुड़ने और जीवन की चुनौतियों में दैवीय हस्तक्षेप प्राप्त करने का दुर्लभ अवसर प्रदान करती हैं।
शास्त्रों के अनुसार, शनि देव को प्रसन्न करने के लिए भगवान हनुमान सबसे प्रभावशाली देवताओं में से एक माने जाते हैं। एक पौराणिक कथा के अनुसार, जब हनुमान जी ने रावण की कैद से शनि देव को मुक्त कराया था, तब शनि देव ने कृतज्ञता स्वरूप यह वचन दिया था कि वे हनुमान जी के सच्चे भक्तों को कभी कष्ट नहीं देंगे। यही दिव्य संबंध हनुमान उपासना को विशेष रूप से लाभकारी बनाता है, खासकर उनके लिए जो शनि दोष, मानसिक तनाव या आर्थिक अस्थिरता से परेशान हैं।
इस अद्भुत संयोग की शक्तिशाली ऊर्जा को आत्मसात करने हेतु, श्री मंदिर अयोध्या के श्री हनुमान गढ़ी मंदिर में विशेष पूजा का आयोजन कर रहा है। यह पावन स्थल रामायण काल से हनुमान जी का निवास माना जाता है और ऐसी मान्यता है कि यहां की गई प्रार्थनाएं सीधे हनुमान जी तक पहुंचती हैं और उनका शीघ्र उत्तर भी मिलता है।
इस विशेष पूजा में शामिल हैं:
👉 11,000 हनुमान मूल मंत्र जाप
👉 सिंदूर अभिषेक
👉 पवित्र यज्ञ
हनुमान जी को सिंदूर अर्पित करना अत्यंत शुभ माना जाता है। परंपरा के अनुसार, यह अटल भक्ति का प्रतीक है और बल, सुरक्षा व सफलता के लिए हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त होता है। हनुमान मूल मंत्र का जाप मन को ऊर्जा से भर देता है, भय व बाधाओं को दूर करता है और साहस व समृद्धि को आकर्षित करता है। यदि आप शनि दोष, मानसिक परेशानी या भौतिक अस्थिरता से मुक्ति चाहते हैं, तो शनि जयंती और बड़ा मंगल का यह दुर्लभ योग संकटमोचन हनुमान जी की कृपा पाने का उत्तम अवसर है। इस दिव्य पूजा में सहभागी बनें और अपने जीवन में दिव्य सुरक्षा आमंत्रित करें।