क्या विवाह में विलंब हो रहा है? क्या संबंधों में अस्थिरता या मानसिक दूरी आ रही है?
निर्जला एकादशी के पावन दिन पर, काशी के प्रसिद्ध श्री बृहस्पति मंदिर में एक दुर्लभ अनुष्ठान संपन्न होगा — विवाह मार्ग में आ रही ग्रहबाधाओं को शांत करने और जीवनसाथी प्राप्ति के लिए यह विशेष रूप से शुभ दिन है।
निर्जला एकादशी सबसे कठोर एकादशियों में मानी जाती है — जहां जल तक का त्याग किया जाता है। इस दिन किया गया कोई भी संकल्प अथवा मंत्र जाप कई गुना फलदायी होता है।
बृहस्पति ग्रह वैदिक ज्योतिष में विवाह, संस्कार और धर्म आधारित जीवन संबंधों का स्वामी होता है। यदि कुंडली में बृहस्पति दोष या कमज़ोरी हो, तो इसके परिणामस्वरूप ये समस्याएं आती हैं:
योग्य जीवनसाथी नहीं मिलना
प्रस्ताव आते हुए भी संबंध नहीं बनना
पहले रिश्तों में असफलता या असहमति
वैवाहिक जीवन में मानसिक दूरी और संवादहीनता
इन्हीं बाधाओं को शांति देने हेतु किया जाएगा:
16000 बृहस्पति मूल मंत्रों का जाप, विवाह और संबंधों से जुड़े ग्रह दोषों की शुद्धि हेतु
सुदर्शन हवन, जो मानसिक व पारिवारिक बाधाओं, कुटुंब विरोध या पूर्वज दोष से मुक्ति दिलाने वाला है
यह अनुष्ठान उन लोगों के लिए अत्यंत उपयुक्त है:
जो विवाह योग्य हैं और सही साथी की प्रतीक्षा में हैं
जिनका विवाह कई बार अटक रहा है या बिगड़ चुका है
जो अपने बच्चों के विवाह हेतु संकल्प करना चाहते हैं
जो वैवाहिक जीवन में सामंजस्य, विश्वास और स्थिरता चाहते हैं
इस निर्जला एकादशी, गुरु और विष्णु के साक्षात आह्वान के साथ, जीवन के इस सबसे पवित्र बंधन हेतु अपनी आध्यात्मिक प्रार्थना करें।