हिंदू धर्म में पूर्णिमा का दिन बेहद शुभ माना जाता है और इसका महत्व तब और भी बढ़ जाता है जब यह मार्गशीर्ष माह में पड़ता है। कहा जाता है कि पूर्णिमा के शुभ दिन मां लक्ष्मी की पूजा करने से वे शीघ्र प्रसन्न होती हैं। शास्त्रों में उल्लेखित है कि इस मास में किए गए पूजा पाठ का फल अन्य माह की अपेक्षा कई गुना अधिक होता है। कहा जाता है कि धन, समृद्धि, सौंदर्य और सुख की देवी मां लक्ष्मी अपने भक्तों को धन और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं। इस कारण भक्त देवी लक्ष्मी की विशेष कृपा और आशीर्वाद पाने के लिए विशेष अनुष्ठान और पूजा अर्चना करते हैं। धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महालक्ष्मी मंत्र का जाप करना अत्यंत लाभकारी होता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंत्र का जाप करने से भक्तों को अपार धन की प्राप्ति होती है और सभी प्रकार की आर्थिक बाधाओं से सुरक्षा मिलती है।
वहीं देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से एक वैभव लक्ष्मी। लक्ष्मी जी के इस स्वरूप वैभव देने वाला माना गया है। मान्यता है कि मां के इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करने से दरिद्रता से राहत मिलती है और घर में वैभव का आगमन होता है। ऐसे में मार्गशीर्ष पूर्णिमा को 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप के साथ वैभव लक्ष्मी पूजा एवं हवन करना अत्यंत फलदायी हो सकता है। इसलिए 51 शक्तिपीठों में से एक कोल्हापुर में स्थित शक्तिपीठ मां महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में, जहाँ न केवल भक्त, बल्कि सूर्य देव भी साल में तीन बार मां महालक्ष्मी को प्रणाम करते हैं इस पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा एवं हवन में भाग लें और मां लक्ष्मी से प्रचुर धन और यश का आशीर्वाद प्राप्त करें।