🤔 क्या दुर्भाग्य खींच रहा है आपको पीछे? इस शनि अमावस्या पर भगवान शनि के आशीर्वाद से दूर करें हर विलंब 🌑
शनि अमावस्या भगवान शनि को समर्पित एक अत्यंत शक्तिशाली दिन माना जाता है, और 2025 में यह दशक के सबसे महत्वपूर्ण ग्रह परिवर्तन—शनि के मीन राशि में गोचर—के साथ संयोग कर रहा है। यह दुर्लभ संयोग शनि के प्रभाव को और अधिक सशक्त बनाता है, जिससे बाधाओं, दुर्भाग्य और शनि साढ़े साती जैसे ग्रह संबंधी कष्टों से राहत पाने के लिए उनकी कृपा प्राप्त करना और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
🙏 शनि देव को प्रसन्न करने के लिए दान को सबसे प्रभावी और फलदायी क्यों माना जाता है?
सनातन परंपरा और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, दान करना भगवान शनि की कृपा प्राप्त करने और ग्रहों की कठिनाइयों से मुक्ति पाने के सबसे प्रभावी उपायों में से एक माना जाता है। शनि देव को कर्मफलदाता कहा जाता है—वे प्रत्येक व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार न्याय देते हैं। इसलिए, सत्कर्म और दान द्वारा उनकी कृपा प्राप्त करना अत्यंत शुभ माना गया है। विशेष रूप से शनि अमावस्या पर दान करने से न केवल शनि के अशुभ प्रभावों का शमन होता है, बल्कि जीवन में स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि का भी संचार होता है। इसी कारण, इस विशेष अवसर पर श्री मंदिर द्वारा "शनि प्रकोप निवारण शनि महा दान कुंजिका अर्पण" का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें उज्जैन स्थित मायापति हनुमान मंदिर में आपके नाम से शनि कुंजिकाएँ अर्पित की जाएंगी।
शनि कुंजिका के अंतर्गत निम्नलिखित पवित्र अर्पण किए जाएंगे:
🔹काली दाल का दान: शनि के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है और दैवीय कृपा को आकर्षित करता है।
🔹काली धोती दान: शनि से जुड़ी बाधाओं, विशेष रूप से शनि साढ़े साती के प्रभावों को कम करता है।
🔹काले तिल के लड्डू का दान: लंबे समय से चल रहे संघर्षों से राहत देता है और आध्यात्मिक सुरक्षा प्रदान करता है।
🔹मायापति हनुमान मंदिर में दीप प्रज्वलन: शनि के दुष्प्रभावों को शांत करता है और शुभ फल प्रदान करता है।
उज्जैन स्थित मायापति हनुमान मंदिर भगवान शनि और हनुमान जी के दिव्य संबंध के कारण विशेष महत्व रखता है। त्रेतायुग की एक प्रसिद्ध कथा के अनुसार, जब रावण ने अपनी शक्ति बढ़ाने के लिए अन्य ग्रहों के साथ शनिदेव को भी बंदी बना लिया था, तब हनुमान जी ने अपने बल से उन्हें मुक्त कराया था। इस उपकार से प्रसन्न होकर शनिदेव ने वचन दिया कि जो भक्त हनुमान जी की भक्ति करेगा, उस पर उनकी कठोर दृष्टि का प्रभाव नहीं पड़ेगा। इसी कारण, हनुमान जी के मंदिरों में "शनि महा दान कुंजिका अर्पण" करने से शनि से जुड़े सभी कष्टों से तत्काल राहत और दिव्य सुरक्षा प्राप्त होती है। इस शनि अमावस्या के विशेष महा दान में भाग लें और दिव्य सुरक्षा, स्थिरता और दुर्भाग्य और देरी से साल भर राहत की कामना करें।