🧿 आप अक्सर बुरी नज़र के शिकार हो जाते हैं? साल 2025 की आखिरी पूर्णिमा पर श्री बटुक भैरव और मां बगलामुखी की शरण में जाएं ✨
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नज़र दोष निवारण 2025 अंतिम पूर्णिमा काशी विशेष

नज़र दोष शांति बटुक भैरव रक्षा कवच तंत्रोक्त यज्ञ और मां बगलामुखी हवन

बुरी नज़र (नज़र दोष) और छिपे हुए दुश्मनों से सुरक्षा पाने के लिए
temple venue
आदिकाल भैरव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
pooja date
4 December, Thursday, मार्गशीर्ष शुक्ल पूर्णिमा
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नज़र दोष, जिसे बुरी नज़र भी कहा जाता है, लोकपरंपरा और धार्मिक मान्यताओं में एक महत्वपूर्ण विश्वास है। माना जाता है कि जब कोई व्यक्ति दूसरे की प्रगति, सुख या सफलता को जलन या नकारात्मक भावना से देखता है, तो उसकी नकारात्मक ऊर्जा उस व्यक्ति के जीवन में रुकावटें पैदा कर सकती है। इसके प्रभाव से अचानक आर्थिक नुकसान, स्वास्थ्य समस्याएँ, मानसिक तनाव और काम में बाधाएँ आ सकती हैं।

पूर्णिमा की रात नकारात्मक और अदृश्य प्रभावों को दूर करने के लिए सबसे शक्तिशाली मानी जाती है। यह साल की अंतिम पूर्णिमा होने के कारण और भी प्रभावशाली मानी जाती है। शास्त्रों में कहा गया है कि ऐसे अदृश्य संकटों से सुरक्षा पाने के लिए कुछ विशेष देवताओं की पूजा अत्यंत लाभदायक होती है। इनमें भगवान काल भैरव और माँ काली का विशेष महत्व है। भगवान काल भैरव को अदृश्य खतरों से बचाने वाले देवता माना जाता है। उनकी कृपा से जीवन की छिपी बाधाएँ शांत होती हैं और सुरक्षा का अनुभव होता है। पूर्णिमा पर माँ काली की पूजा अत्यंत शुभ मानी जाती है, क्योंकि उनकी दिव्य शक्ति नकारात्मक ताकतों को रोकती और उलट देती है, जिससे मन को शांति, स्थिरता और आध्यात्मिक सुरक्षा मिलती है।

🪔 द्वि-दैवीय सुरक्षा: भगवान भैरव और माँ काली का संयुक्त आशीर्वाद

माँ काली को शत्रु और नकारात्मक शक्तियों को रोकने वाली देवी माना जाता है। उनकी उपासना से मानसिक स्थिरता, आंतरिक शक्ति और साहस मिलता है। माँ काली की साधना न केवल बाहरी शत्रुओं, बल्कि अंदरूनी भय और असुरक्षाओं को भी कम करती है। भगवान काल भैरव के रक्षा-कवच तंत्र के यज्ञ और माँ काली के विशेष हवन को नज़र दोष और अदृश्य रुकावटों को दूर करने में अत्यंत प्रभावी माना जाता है। वैदिक मंत्रों और विशेष आहुतियों के माध्यम से भक्तों के चारों ओर एक आध्यात्मिक सुरक्षा-चक्र स्थापित हो सकता है।

यह माना जाता है कि जब भगवान भैरव और माँ काली की संयुक्त पूजा की जाती है, तो भक्तों को दोहरी शक्ति मिलती है—भैरव की कृपा से अदृश्य खतरों से सुरक्षा और माँ काली के आशीर्वाद से नकारात्मक ऊर्जा पर नियंत्रण। यह संयोजन मानसिक शांति, आत्मविश्वास और सुरक्षा की भावना को मजबूत करता है। ऐसे अनुष्ठानों में सहभागी होकर भक्त स्वयं और अपने परिवार को अदृश्य नकारात्मक प्रभावों से बचाने का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। यह मार्ग न केवल सुरक्षा देता है, बल्कि जीवन में संतुलन और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ा सकता है।

आदिकाल भैरव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश

आदिकाल भैरव मंदिर, काशी, उत्तर प्रदेश
महादेव की नगरी कही जानेवाली काशी में भैरव बाबा की मर्जी के बिना कुछ भी नहीं होता है और पूरी नगरी की देखरेख उन्हीं के हाथों में है। पौराणिक कथा के अनुसार एक बार ब्रह्माजी और विष्णुजी के बीच इस बात को लेकर बहस छिड़ी की इनमें सबसे महान कौन है। इस चर्चा के बीच शिवजी का जिक्र आने पर ब्रह्माजी के पांचवें मुख ने शिवजी की आलोचना की, जिससे शिवजी को गुस्सा आया। उसी क्षण भगवान शिव के क्रोध से काल भैरव का जन्म हुआ।

काल भैरव ने शिवजी की आलोचना करने वाले ब्रह्माजी के पांचवें मुख को काट दिया, लेकिन वो मुख काल भैरव के हाथ से अलग ही नहीं हो रहा था। तभी शिव जी ने काल भैरव से कहा, तुम्हे तो ब्रह्म हत्‍या का दोष लग गया। इस दोष को मिटाने का एक ही तरीका है कि तुम तीनों लोकों का भ्रमण करो। जिस स्थान पर ब्रह्मा का ये पांचवां मुख तुम्‍हारे हाथ से छूटेगा, वहीं तुम्हें इस पाप से मुक्‍ति मिलेगी। भैरव बाबा के हाथ से काशी में ब्रह्माजी का मुख अलग हुआ, वहीं उनको मुक्ति मिली। जिसके बाद शिवजी ने काल भैरव को काशी का कोतवाल बनाया। मान्यता है कि यहां विराजित बाबा कालभैरव की अराधना करने से सारा दुख, नजर बाधा, विकार और कष्ट को भी हरते हैं।

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र सेवा, अन्नसेवा, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

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