👉 बाधाओं से अवसरों तक - परम पाप ग्रह शांति अनुष्ठान 🙏
वैदिक ज्योतिष में राहु, केतु, शनि और मंगल को उनके प्रबल कर्म प्रभावों के कारण पाप ग्रह (अशुभ ग्रह) माना जाता है, जो जीवन में विलंब, संघर्ष और कठिनाइयाँ उत्पन्न कर सकते हैं। हालांकि, ये ग्रह स्वभाव से नकारात्मक नहीं होते—बल्कि ये व्यक्ति की कर्म यात्रा को आकार देने वाली ब्रह्मांडीय शक्तियों के रूप में कार्य करते हैं और अनुशासन, धैर्य व परिवर्तन का संदेश देते हैं। इन पाप ग्रहों में से राहु और केतु की उत्पत्ति समुद्र मंथन के दौरान हुई थी, जब असुर स्वर्भानु ने अमृत प्राप्त करने के लिए स्वयं को देवता रूप में बदल लिया था। भगवान विष्णु ने जब यह देखा, तो उन्होंने उसका सिर काट दिया। हालांकि अमृत की दिव्यता के कारण उसका सिर राहु बन गया, जो जुनून और भ्रम का प्रतीक है, जबकि उसका धड़ केतु के रूप में परिवर्तित हो गया, जो वैराग्य और कर्मफल का प्रतीक माना जाता है। इसी प्रकार, शनि देव, जो कर्मों के न्यायाधीश माने जाते हैं, व्यक्ति के पिछले कर्मों के आधार पर उसे कठिनाइयाँ या फल प्रदान करते हैं, जिससे वह या तो लंबे संघर्ष का सामना करता है या फिर आध्यात्मिक उन्नति की ओर अग्रसर होता है। वहीं मंगल को आकाशीय शक्तियों का सेनापति माना जाता है, जो आक्रामकता और महत्वाकांक्षा को नियंत्रित करता है, किंतु जब यह अशुभ स्थिति में कुंडली में होता है तो व्यक्ति में क्रोध, कानूनी समस्याएँ और जीवन में बाधाएँ उत्पन्न कर सकता है।
इन ग्रहों के संयुक्त प्रभाव से करियर में रुकावटें, आर्थिक अस्थिरता, भावनात्मक परेशानियाँ, कर्म संबंधी बोझ और अचानक आने वाला दुर्भाग्य देखा जा सकता है। इन दुष्प्रभावों को केवल समर्पित आध्यात्मिक उपायों और अनुष्ठानों के माध्यम से ही शांत किया जा सकता है। ग्रहों के अशुभ प्रभावों और कर्म बाधाओं को दूर करने के लिए, त्रिवेणी संगम पर राहु-केतु दोष निवारण महायज्ञ एवं शनि-मंगल शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यह पवित्र अनुष्ठान जीवन में आ रही बाधाओं, विलंब और दुर्भाग्य को दूर करने के लिए दिव्य आशीर्वाद प्राप्त करने हेतु किया जा रहा है। मान्यता है कि इस शक्तिशाली पूजा के माध्यम से भक्तों को स्थिरता, सफलता और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है, क्योंकि इससे नकारात्मक ग्रह प्रभाव संतुलित होकर जीवन में सामंजस्य स्थापित करते हैं। श्री मंदिर के माध्यम से इस शुभ अनुष्ठान में भाग लें और दिव्य कृपा से अपनी बाधाओं को नए अवसरों में बदलने का मार्ग प्रशस्त करें।