हिंदु धर्म में शुक्रवार का दिन शुक्र ग्रह से जुड़ा हुआ है। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, शुक्र ग्रह को विलासिता, धन और भौतिक सुखों का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिषियों की मानें तो यदि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में शुक्र ग्रह अनुकूल भाव में स्थित हो और उस पर शुभ ग्रहों की दृष्टि पड़ रही हो, तो वह व्यक्ति को भौतिक सुख और धन की प्राप्ति होती है। हिंदू शास्त्रों के अनुसार, शुक्र ऋषि भृगु और उनकी पत्नी ख्याति के पुत्र हैं। देवी ख्याति को धन और विलासिता की देवी माँ लक्ष्मी का अवतार माना जाता है। यही कारण है कि शुक्रवार का दिन मां लक्ष्मी को समर्पित है और उनकी पूजा के लिए भी शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, इस दिन लक्ष्मी पूजा करने से माँ लक्ष्मी को प्रसन्न कर उनसे धन एवं समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। धार्मिक ग्रंथों में, मां लक्ष्मी को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए महालक्ष्मी मंत्र जाप को अत्यंत लाभकारी माना गया है। कहा जाता है कि महालक्ष्मी मंत्र का जाप करने से मां लक्ष्मी अपने भक्तों को अपार धन-संपदा का आशीर्वाद देती है और उन्हें सभी प्रकार की आर्थिक बाधाओं से सुरक्षा भी प्रदान करती है।
वहीं देवी लक्ष्मी के आठ स्वरूपों में से एक वैभव लक्ष्मी। लक्ष्मी जी के इस स्वरूप को वैभव देने वाला माना गया है। मान्यता है कि मां के इस स्वरूप की पूजा-अर्चना करने से दरिद्रता से राहत मिलती है और घर में वैभव का आगमन होता है। ऐसे में शुक्रवार के दिन 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप के साथ वैभव लक्ष्मी पूजा करना अत्यंत फलदायी हो सकता है। इसलिए 51 शक्तिपीठों में से एक कोल्हापुर में स्थित शक्तिपीठ मां महालक्ष्मी अंबाबाई मंदिर में 11,000 महालक्ष्मी मंत्र जाप, वैभव लक्ष्मी पूजा एवं हवन का आयोजन किया जा रहा है। इस मंदिर में , केवल भक्त ही नहीं बल्कि सूर्य देव भी साल में तीन बार मां महालक्ष्मी को प्रणाम करते हैं। इस दिन पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र भी लग रहा है, यह नक्षत्र शुक्र द्वारा शासित है। ऐसे में पूर्वाषाढ़ा नक्षत्र के दौरान इस पूजा का महत्व और भी बढ़ जाता है। इसलिए श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष पूजा में भाग लें और मां लक्ष्मी द्वारा जीवन में धन और यश प्राप्ति का आशीष प्राप्त करें।