भगवान शिव को देवों के देव महादेव के रूप में जाना जाता है। शास्त्रों एवं पुराणों के अनुसार श्रावण मास भगवान शिव को समर्पित है। यह माह भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। इस दौरान भगवान शिव की आराधना करने से शीघ्र ही सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। यही कारण है कि पवित्र श्रावणमाह के आरंभ होते ही, शिवालयों में जल सहित कुछ विशेष वस्तुएं शिव को अर्पित की जाती हैं, जिसे रुद्राभिषेक कहा जाता है। शास्त्रों के अनुसार, अन्य दिनों की अपेक्षा, श्रावण में भगवान शिव की पूजा एवं हवन करना अत्यंत शुभ व लाभकारी माना जाता है। मान्यता है कि जो भी भक्त जिस कार्य को मन में रखकर भगवान शिव की अराधना करता है वो उसकी इच्छा पूरी करते हैं। वहीं माना जाता है कि ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में ऋण मुक्ति शिव हवन करने से व्यक्ति को धन-धान्य की प्राप्ति होती है और भगवान शिव कर्ज मुक्ति और धन संचय का आशीष देते हैं।
पौराणिक कथा के अनुसार, धन के देवता कुबेर भगवान शिव के परम भक्त थे। कुबेर ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस ज्योतिर्लिंग में कठोर तपस्या की। इसके लिए उन्होंने यहां एक शिवलिंग स्थापित किया। भगवान शिव कुबेर की भक्ति से प्रसन्न हुए एवं कुबेर को देवताओं का धनपति बना दिया। इसके अलावा शिव पुराण में कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति कर्ज से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहा है, EMI चुकाने में सक्षम नहीं है तो श्रावण माह में सोमवार के दिन भगवान शिव का हवन करना अत्यंत शुभदायी होगा। इसलिए, श्रावण माह के शुभारंभ पर सोमवार के दिन ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में होने वाले ओंकारेश्वर ऋण मुक्ति शिव हवन में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और भोलेनाथ से ऋण मुक्ति एवं धन की प्रचुरता का आशीष पाएं।