हिंदू धर्मग्रंथों में एकादशी तिथि को सबसे शुभ तिथियों में से एक माना जाता है। हिंदु कैलेंडर के अनुसार, आश्विन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को पापांकुशा एकादशी कहते हैं। यह तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। 'पापांकुशा' नाम का अर्थ है वह जो सभी पापों को धोकर आध्यात्मिक शुद्धि प्राप्त करने में मदद करता है। माना जाता है कि इस एकादशी पर पवित्र व्रत रखने और पूजा करने से व्यक्ति को श्री हरि विष्णु का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है, जो इस ब्रह्मांड के पालनहार हैं। स्कंद पुराण के अनुसार भगवान सत्यनारायण श्री हरि विष्णु का एक रूप हैं। पुराणों में सत्यनारायण व्रत की कथा को बहुत महत्व दिया गया है। सत्यनारायण कथा की महिमा स्वयं भगवान सत्यनारायण ने नारद मुनि को सुनाई थी। मान्यता है कि इस पावन शुक्ल एकादशी पर व्रत कथा करने से घर में सुख-समृद्धि आती है और भगवान विष्णु की कृपा बनी रहती है।
शास्त्रों में वर्णित है कि सत्यनारायण कथा करने से व्यक्ति को हजारों वर्षों तक किए गए यज्ञ के बराबर फल मिलता है। माना जाता है कि एकादशी के दिन इस कथा को करने से सभी दुख एवं दरिद्रता दूर होती है और व्यक्ति के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि आती है। इसके अलावा वह सभी कष्टों से मुक्त हो जाता है। इसके साथ ही एकादशी तिथि पर नवग्रह शांति पूजा करना भी शुभ माना जाता है। माना जाता है कि यह पूजा कुंडली में ग्रह दोषों के नकारात्मक प्रभावों को कम करने में मदद करती है, जो व्यक्ति के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार, भगवान विष्णु की कृपा से व्यक्ति अपनी कुंडली के सभी ग्रह दोषों से मुक्ति प्राप्त कर सकता है और जीवन में नकारात्मक ऊर्जाओं एवं बाधाओं को दूर कर सकता है। मान्यता है कि शुक्ल एकादशी के दिन सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा करने से भौतिक सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है और भावनात्मक संतुलन व कल्याण में वृद्धि होती है। यदि यह पूजा किसी ज्योतिर्लिंग पर की जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है, क्योंकि माना जाता है कि इन दिनों भगवान विष्णु ध्यान की अवस्था में होते हैं, जबकि भगवान शिव ब्रह्मांड का संचालन करते हैं। इसलिए मध्यप्रदेश में स्थित श्री ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में सत्यनारायण कथा और नवग्रह शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। यह ज्योतिर्लिंग 12 पवित्र ज्योतिर्लिंगों में एक है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान शिव और भगवान विष्णु से भौतिक सुख-समृद्धि एवं भावनात्मक कल्याण का आशीर्वाद प्राप्त करें।