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आर्द्रा नक्षत्र विशेष

राहु-केतु पीड़ा शांति महापूजा और शनि देव तिल तेल अभिषेक

बुरी आदत से मुक्ति एवं निर्णय क्षमता में सुधार के लिए
temple venue
श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर, हरिद्वार, उत्तराखंड
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बुरी आदत से मुक्ति एवं निर्णय क्षमता में सुधार के लिए राहु-केतु पीड़ा शांति महापूजा और शनि देव तिल तेल अभिषेक

27 नक्षत्रों में आर्द्रा छठा नक्षत्र है जिसका स्वामी राहु है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, भगवान शिव के रौद्र रूप को आर्द्रा नक्षत्र का अधिपति देवता माना जाता है। इसलिए इस दिन भोलेनाथ की पूजा से सभी कष्टों का निवारण मिल जाता है। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु की दशा होती है तो उसके कार्यों में असफलता की संभावना बढ़ सकती है। इसके अलावा परिवार में मनमुटाव, बुरी आदतों का सामना, पैसों की तंगी एवं निर्णय लेने में समस्या आने लगती है। राहु केतु के इस अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए हरिद्वार के श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर में राहु ग्रह शांति मूल मंत्र जाप करवाना अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।

वहीं शनिवार का दिन शनिदेव के लिए समर्पित होता है, शनिदेव के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए विभिन्न प्रकार के पूजन किए जाते हैं, जिसमें तिल तेल अभिषेक भी है। मान्यता है कि शनिदेव को तेल चढ़ाने से ये अपने भक्तों की पीड़ा हर लेते हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं। शनि ग्रह के बाद सबसे अधिक लोगों को राहु-केतु ग्रह से भय लगता है। शनि ग्रह की शांति के साथ-साथ राहु-केतु ग्रह का शांत होना भी सुखी जीवन के लिए अनिवार्य है। इसलिए इस महापूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इसमें भाग लें और महादेव के साथ शनिदेव का आशीष पाएं।

श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर,हरिद्वार, उत्तराखंड

श्री पशुपतिनाथ महादेव मंदिर,हरिद्वार, उत्तराखंड
केदारनाथ चार धाम यात्रा में प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है, जिसे भगवान शिव के निवास के रूप में जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि नेपाल के काठमांडू में भगवान पशुपतिनाथ के दर्शन किए बिना केदारनाथ की यात्रा अधूरी रहती है। इस महत्व को देखते हुए, नेपाल के राजा ने काठमांडू में पशुपतिनाथ मंदिर की प्रतिकृति बनाई, और हरिद्वार में हर की पौड़ी पर गंगा नदी के तट के पास उसी पवित्र पत्थर से एक शिव लिंगम की स्थापना की।

हरिद्वार में, पशुपतिनाथ महादेव मंदिर नेपाल और भारत के बीच साझा प्राचीन संस्कृति के प्रतीक के रूप में स्थापित है। माना जाता है कि पशुपतिनाथ की पूजा करने वाले भक्तों को समृद्धि, अच्छे मानसिक स्वास्थ्य और लंबी उम्र का आशीर्वाद मिलता है। ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर में स्थित शिव लिंग ग्रह दोषों के प्रभाव को कम करता है, राहु-केतु के नकारात्मक प्रभावों को कम करता है और जीवन की बाधाओं को दूर करता है, जिससे व्यक्ति को जीवन में सफलता व संतुष्टि की प्राप्ति होती है।

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