हिंदु धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है। इसके पीछे पौराणिक कथा है, जिसमें बताया गया है कि सोमवार के दिन ही चंद्र देव ने महादेव की आराधना की थी और महादेव ने प्रसन्न होकर चंद्र देव को क्षय रोग से मुक्त कर दिया था। तब से ही सोमवार के दिन को भगवान शिव की पूजा के लिए शुभ माना गया है। भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई तरह के अनुष्ठान किए जाते हैं, जिसमें से एक है रुद्राभिषेक। रुद्राभिषेक का अर्थ है रुद्र रूपी शिवलिंग का मंत्रोच्चार के साथ पवित्र जल, दूध, शहद और अन्य सामग्रियों से स्नान कराना। रुद्राष्टाध्यायी के अनुसार शिव ही रुद्र हैं। माना जाता है कि रुद्र रुप में प्रतिष्ठित शिव मनुष्य के दुखों को शीघ्र ही समाप्त कर देते हैं। शास्त्रों में अन्य दिनों की अपेक्षा में सोमवार को रुद्राभिषेक करना शुभ माना गया है। मान्यता है कि जो भी भक्त इस दिन रुद्राभिषेक करता है, भगवान शिव उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। वहीं यदि रुद्राभिषेक किसी ज्योतिर्लिंग में किया जाए तो यह कई गुना फलदायी हो जाता है।
धर्मिक विद्वानों के अनुसार, ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति को धन-धान्य की प्राप्ति होती है और भगवान शिव द्वारा सभी मनोकामनाओं की पूर्ति एवं आर्थिक स्थिरता का आशीष प्राप्त होता है। पौराणिक कथा के अनुसार, धन के देवता कुबेर भगवान शिव के परम भक्त थे। कुबेर ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए इस ज्योतिर्लिंग में कठोर तपस्या की थी। इसके लिए उन्होंने यहां एक शिवलिंग स्थापित किया था। भगवान शिव कुबेर की भक्ति से प्रसन्न हुए एवं कुबेर को देवताओं का धनपति बना दिया। तभी से यह माना जाता है कि यहां रूद्राभिषेक करने वाले भक्तों को जीवन में आने वाले आर्थिक समस्याओं से राहत का आशीष मिलता है। वहीं शिव पुराण की मानें तो अगर कोई व्यक्ति कर्ज से जुड़ी समस्याओं का सामना कर रहा है, EMI चुकाने में सक्षम नहीं है तो उसे सोमवार के दिन ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक करना चाहिए। इसलिए भगवान शिव को समर्पित सोमवार के दिन ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर में ओंकारेश्वर रुद्राभिषेक में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और भोलेनाथ का आशीष पाएं।