दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए रमा एकादशी गंगा घाट विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा
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रमा एकादशी गंगा घाट विशेष

नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा

दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए
temple venue
गंगा घाट, हरिद्वार, उत्तराखंड
pooja date
28 October, Monday, रमा एकादशी
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srimandir devotees
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दिवंगत आत्माओं की शांति के लिए रमा एकादशी गंगा घाट विशेष नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा

सनातन धर्म में रमा एकादशी का विशेष महत्व है। हर वर्ष कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को रमा एकादशी मनाई जाती है। इसे रंभा एकादशी या हरिहर एकादशी के नाम से भी जाना जाता है। रमा एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है। माना जाता है कि इस दिन जगत के पालनहार भगवान विष्णु की पूजा करने से सभी पापों और दोषों से मुक्ति मिलती है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। रमा एकादशी पर पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा भी शुभ मानी जाती है क्योंकि भगवान विष्णु पितरों के देवता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, जिन लोगों का अंतिम संस्कार नहीं हो पाता, उनकी शांति के लिए नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा का विधान बताया गया है, और इस अनुष्ठान को रमा एकादशी पर करने से इसका लाभ कई गुना बढ़ सकता है। कहा जाता है कि जब तक पूर्वजों की आत्मा को शांति नहीं मिलती तब तक उनके वंशजो को पितृदोष का सामना करना पड़ता है। पितृदोष के कारण जीवन में आर्थिक हानि, गृह क्लेश आदि जैसी कई तरह की समस्याओं का सिलसिला लगा ही रहता है। गरुड़ पुराण के अनुसार, नारायण बलि पूजा पितृदोष निवारण के लिए की जाती है और नागबलि पूजा का मुख्य उद्देश्य सर्प या नाग की हत्या के दोष का निवारण करना है। मान्यता है कि यह दोनों पूजाएं एक साथ करने से ही सफल होती है।

गरुड़ पुराण में भगवान विष्णु आगे यह भी बताते हैं कि इस विशेष पूजा को गंगा जैसी पवित्र नदियों के तट पर अनुभवी पंडितों द्वारा किया जाना चाहिए। हरिद्वार में गंगा घाट पितृ कर्मकांड के लिए पूजनीय स्थल हैं। मान्यता है कि यहां नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा करने से दिवंगत आत्माओं को शांति मिलती है। इसलिए रमा एकादशी के शुभ दिन पर हरिद्वार के गंगा घाट में नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस अनुष्ठान में भाग लें और भगवान विष्णु द्वारा दिवंगत आत्माओं की शांति का आशीर्वाद प्राप्त करें। इसके अलावा, इस पूजा के साथ गंगा आरती और दीप दान करने का भी विधान है। मान्यता है कि इस पूजा के साथ मोक्षदायिनी मां गंगा की आरती करने से यह पूजा अत्यधिक फलदायी हो सकती है। वहीं पूर्वजों की आत्मा की शांति के लिए दीप दान का भी विशेष महत्व है। इसलिए इस पूजा के साथ अतिरिक्त विकल्प के रूप में दिए गए गंगा आरती और दीप दान का चुनाव करके अपनी पूजा को और भी अधिक प्रभावशाली बनाएं।

गंगा घाट,हरिद्वार, उत्तराखंड

गंगा घाट,हरिद्वार, उत्तराखंड
पूरे विश्व में हरिद्वार, एक तीर्थ स्थल के रूप में जाना जाता है, इसे कुंभ नगरी के नाम से भी जाना जाता है। महाकुंभ के दौरान हजारों लाखों की संख्या में देश-विदेश से लोग गंगा में डुबकी लगाने आते हैं। वहीं, हरिद्वार में कुछ प्राचीन घाट भी हैं जिनकी मान्यता प्राचीन ग्रंथों में भी लिखी हुई है। शास्त्रों में नारायण बलि का मुख्य उद्देश्य पितृदोष निवारण करना और नागबलि का उद्देश्य सर्प या नाग की हत्या के दोष का निवारण करना बताया गया है।

श्री गंगा घाट पर इस पूजा को करने से पितृ दोष का निवारण होता है। मान्यता है कि यहां पूरे रीति-रिवाजों के नारायण बलि पूजा आत्मा को शुद्धि प्रदान करते हैं। हरिद्वार में हो रही नारायण बलि, नाग बलि एवं पितृ शांति महापूजा करने से पितरों को शांति मिलती है और कुंडली से पितृ दोष की समस्त नकारात्मकताएं भी दूर हो जाती हैं।

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व्यक्तिगत पूजा

अधिकतम 1 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पार्टनर पूजा

अधिकतम 2 व्यक्ति के लिए पूजा कराएं
1251
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 2 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

पारिवारिक पूजा

अधिकतम 4 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
2001
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 4 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

संयुक्त परिवार पूजा

अधिकतम 6 सदस्यों के लिए पूजा कराएं
3001
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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के साथ आपके परिवार के 6 सदस्यों के नाम व गोत्र का उच्चारण करेंगे।
पूजा के अंत में पुष्पांजलि के साथ फल, मिठाई और सूखे मेवे का प्रसाद चढ़ाया जाएगा।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र दान, अन्नदान, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पवित्र तीर्थ प्रसाद 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा।

மதிப்புரைகள் மற்றும் மதிப்பீடுகள்

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