हिंदू धर्म में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक दुर्गा अष्टमी मनाई जाती है, जो देवी दुर्गा के समर्पित होती है। इस दिन मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा से भक्तों को अपार कृपा प्राप्त होती है। विशेष रूप से, इस दिन मां काली की पूजा का महत्व है, जो देवी दुर्गा के उग्र रूप में से एक मानी जाती हैं। इस बार मासिक दुर्गा अष्टमी मंगलवार को पड़ रही है, जो भगवान हनुमान को समर्पित दिन है। इस शुभ संयोग के अवसर पर, कोलकाता के कालीघाट मंदिर में पंचमुखी हनुमान और मां काली की संयुक्त पूजा होगी। पौराणिक कथा के अनुसार, अहिरावण और महिरावण, पाताल लोक के जादूगर और मां काली के भक्त थे। जिन्होने राम और लक्ष्मण का अपहरण कर उन्हें पाताल लोक में बंदी बना लिया। साथ ही बाकि वानर सेना को गहरी नींद में सुला दिया था। इस संकट में, हनुमान जी ने मां काली का आह्वान किया और उनके आशीर्वाद से दोनों जादूगरों का वध कर राम और लक्ष्मण को मुक्त कराया।
इस कथा से पंचमुखी हनुमान और मां काली के बीच के दिव्य संबंध को समझा जा सकता है। पाताल लोक की यात्रा करते हुए, उन्हें भयंकर चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिसमें मकरध्वज से मुठभेड़ भी शामिल थी, जिसने बताया कि राक्षस सेना को हराने के लिए अलग-अलग दिशाओं में रखे गए पाँच जादुई दीपों को एक साथ बुझाना होगा। अपने पंचमुखी (पाँच मुख वाले) रूप में परिवर्तित होकर, हनुमान जी ने वह सभी दीप बुझाए, और जादूगर भाइयों को मारकर राम और लक्ष्मण को सुरक्षित बचाया। कुछ कथाओं में माना जाता है कि मां काली ने हनुमान को शक्ति प्रदान की थी, जिससे उनका संकल्प सफल हुआ। यह कथा दर्शाती है कि गुह्य काली की शक्ति ब्रह्मांडीय संतुलन और धार्मिकता की सेवा करती है, और वह अहंकार व अज्ञानता के विनाश का प्रतीक है। यह कहानी भगवान हनुमान की भक्ति और काली शक्तियों पर विजय का प्रतीक है, जो धर्म और ब्रह्मांडीय न्याय को दर्शाती है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लेकर मां काली और भगवान हनुमान का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।