🔱 त्रियुगीनारायण मंदिर की पवित्र पूजा में भाग लेकर प्रेम और सामंजस्य की सही दिशा पाएं… महादेव और मां गौरी का विवाह यहीं संपन्न हुआ था 🔱
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शिव और शक्ति के पवित्र मिलन से दिव्य सामंजस्य का अनुभव करें

दिव्य प्रेम मिलन पूजा और संबंध उपचार अनुष्ठान

रिश्तों को मजबूत बनाने और पुराने ज़ख्मों को भरने के लिए
temple venue
त्रियुगीनारायण मंदिर, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
pooja date
15 December, Monday, पौष कृष्ण एकादशी
பூஜை முன்பதிவு முடிவடையும்
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🌸 रिश्तों में सामंजस्य की तलाश है?

कभी-कभी चाहे हम कितनी भी कोशिश कर लें, रिश्तों में शांति नहीं रह पाती और पुराने घाव इतने गहरे लगते हैं कि उन्हें भरना मुश्किल लगता है। पहले जो गर्मजोशी और विश्वास था, वह खोया सा लगता है और दोनों साथी समाधान खोजते रह जाते हैं। ऐसे समय में शिव–गौरी की कृपा मदद कर सकती है। उनका आशीर्वाद, रिश्तों में उपचार और नए शुरुआत की संभावना लाता है, चाहे परिस्थितियां कितनी भी चुनौतीपूर्ण क्यों न हो जाएं।

🕉️ दिव्य युगल आशीर्वाद सब ठीक कर सकता है?

हिंदू ग्रंथों के अनुसार, शिव–शक्ति दिव्य शक्ति, करुणा और ब्रह्मांडीय संतुलन का प्रतीक हैं। उनका मिलन ही सृजन का मूल स्रोत है। शिव चेतना, स्थिरता और सुरक्षा का प्रतिनिधित्व करते हैं, जबकि शक्ति ऊर्जा, प्रेम और पोषण की शक्ति लाती हैं। जहाँ शिव मार्गदर्शन, शांति और स्पष्टता देते हैं, वहीं शक्ति गर्मजोशी, भावनात्मक उपचार और जीवनदायिनी मानी जाती हैं। साथ मिलकर ये आदर्श जोड़ी का आशीर्वाद रिश्तों को सही करने, अहंकार को समाप्त करने और सामंजस्य लौटाने में मदद कर सकता है।

💐 अनुष्ठानों के माध्यम से उपचार

इस पवित्र पूजा में भक्त प्रार्थनाएं अर्पित करते हैं और वह अनुष्ठान करते हैं जो शिव–शक्ति की उपचार शक्तियों को बुलाते हैं। यह पूजा श्री त्रियुगीनारायण मंदिर, रुद्रप्रयाग में होगी। वही स्थान जो शिव–शक्ति के दिव्य विवाह के लिए प्रसिद्ध है। इस पूजा का उद्देश्य पुराने गलतफहमियों को दूर करना, भावनात्मक घाव भरना और जोड़ों या परिवारों के बीच दिव्य एकता लौटाना है।

आप भी इस पवित्र स्थल पर आयोजित दिव्य अनुष्ठान में श्री मंदिर के माध्यम से भाग लें और शिव-शक्ति के आशीर्वाद से अपने रिश्तों को मजबूत बनाएं।

त्रियुगीनारायण मंदिर, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड

त्रियुगीनारायण मंदिर, रुद्रप्रयाग, उत्तराखंड
त्रियुगीनारायण मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित एक ऐतिहासिक और पवित्र स्थल है, जो उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले के त्रियुगीनारायण गांव में स्थित है। यह प्राचीन तीर्थ स्थल गुटठुर से श्री केदारनाथ तक जुड़े रास्ते पर स्थित है और यहाँ के स्थापत्य शैली का असर केदारनाथ मंदिर पर भी देखने को मिलता है। यह गांव धार्मिक दृष्टिकोण से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि पौराणिक कथाओं के अनुसार, त्रियुगीनारायण को हिमवत की राजधानी माना जाता था और यहीं पर भगवान शिव और देवी पार्वती का पवित्र विवाह हुआ था।

कहा जाता है कि शिव और पार्वती का विवाह इसी विशाल हवन कुंड में हुआ था, जिसमें चारों दिशाओं में अग्नि प्रज्वलित की गई थी। इस दिव्य विवाह समारोह में ब्रह्मा, विष्णु सहित सभी देवताओं और संतों ने भाग लिया था। इस हवन कुंड की राख को आज भी भक्त अपने घर ले जाते हैं, और इसे अपने वैवाहिक जीवन के सुखमय होने के लिए एक आशीर्वाद मानते हैं। त्रियुगीनारायण नाम इसी कारण पड़ा क्योंकि यहाँ तीन युगों के चिन्ह देखे जाते हैं, जो भगवान विष्णु, शिव और पार्वती के दिव्य संबंधों को दर्शाते हैं। इस मंदिर परिसर में चार महत्वपूर्ण कुंड स्थित हैं: रुद्राकुंड, विष्णु कुंड, ब्रह्मकुंड और सरस्वती कुंड। इन कुंडों का जल बहुत पवित्र माना जाता है, और यही वह स्थान है जहाँ देवताओं ने शिव-पार्वती के विवाह के दौरान स्नान किया था। विशेष रूप से, सरस्वती कुंड का जल विष्णु की नाभि से उत्पन्न माना जाता है, जिससे इसकी धार्मिक महत्ता और भी बढ़ जाती है।

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पंडित जी पूजा संकल्प के दौरान अन्य पूजा प्रतिभागियों के नाम के साथ आपके नाम एवं गोत्र का उच्चारण करेंगे।
अपनी पूजा के साथ वस्त्र सेवा, अन्नसेवा, गौ सेवा और दीप दान जैसे अतिरिक्त विकल्पों का चुनाव कर सकते हैं, जो आपके नाम से किया जाएगा।
आपकी पूजा संपन्न होने पर पूजा का वीडियो 3-4 दिनों के अंदर आपके पंजीकृत व्हाट्सएप नंबर पर भेजा जाएगा एवं आप इसे अपनी बुकिंग हिस्ट्री में जाकर भी देख सकते हैं।
पूजा संपन्न होने के बाद दिव्य आशीर्वाद बॉक्स जैसे- गंगाजल, पंचमेवा, धागा आदि जो कि प्रतिष्ठित तीर्थ स्थलों से प्राप्त किए गए हैं, 8-10 दिनों के भीतर आपके पते पर भेज दिया जाएगा। यह बॉक्स, श्री मंदिर की तरफ से आपकी पूजा बुकिंग के साथ ही बिना किसी अतिरिक्त शुल्क के भेजा जाएगा।

மதிப்புரைகள் மற்றும் மதிப்பீடுகள்

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