सनातन धर्म में दर्श अमावस्या का विशेष महत्व है और इस दिन सभी प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान शुभ माने जाते हैं। ज्योतिषियों का मानना है कि दर्श अमावस्या पर काल सर्प दोष शांति पूजा करना अत्यंत फलदायी हो सकता है। वहीं यदि यह अनुष्ठान किसी विशेष काल में किया जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकता है। इस बार दर्श अमावस्या पर राहु काल प्रातः 09:33 बजे से प्रातः 10:51 बजे तक लग रहा है। यह समय काल सर्प दोष शांति पूजा के लिए सबसे उत्तम समय है। श्री मंदिर द्वारा दर्श अमावस्या पर राहु काल के दौरान काल सर्प दोष शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। ज्योतिषियों के अनुसार, अगर आपको सांप और मृत व्यक्तियों से जुड़े सपने आ रहे हैं या लगातार बुरे सपने आ रहे हैं। इसके अलावा अगर आप मानसिक अस्थिरता, अकेलेपन की भावना, बेवजह गुस्सा, बार-बार व्यापार में घाटा, रिश्तों में परेशानी या खराब स्वास्थ्य जैसी समस्याओं को सामना कर रहे हैं तो यह आपकी कुंडली में काल सर्प दोष की उपस्थिति का संकेत हो सकता है। काल सर्प दोष तब होता है जब कुंडली में सभी सात ग्रह राहु और केतु के बीच स्थित होते हैं। इस दोष को ज्योतिष में सबसे अशुभ योगों में से एक माना जाता है।
काल सर्प दोष शांति पूजा करना इसके नकारात्मक प्रभावों को कम करने के लिए अत्यधिक लाभकारी माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि दर्श अमावस्या पर यह पूजा करने से भक्तों को निर्भयता प्राप्त होती है और उन्हें मानसिक स्थिरता प्राप्त करने में मदद मिलती है। यदि यह पूजा किसी ज्योतिर्लिंग में की जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है, क्योंकि राहु भगवान शिव के भक्त हैं। इसलिए दर्श अमावस्या पर राहु काल के दौरान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग में काल सर्प दोष शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और भगवान शिव का दिव्य आशीष प्राप्त करें, जिससे आपको मानसिक स्थिरता एवं निर्भयता प्राप्त हो सके।