क्या आप भी कर रहे हैं आदर्श जीवनसाथी की तलाश? 🌟🙏
पुत्रदा एकादशी पर इस पूजा से कैसे सुधर सकता है आपका रिश्ता ?
पुत्रदा एकादशी को सनातन धर्म में भगवान विष्णु की आराधना के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और शुभ दिन माना जाता है। इस दिन न केवल भगवान विष्णु बल्कि बृहस्पति की भी पूजा की जाती है क्योंकि भगवान विष्णु बृहस्पति ग्रह का प्रतिनिधित्व करते हैं। इस ग्रह को विवाह का कारक माना जाता है, जो वैवाहिक जीवन में सुख और समृद्धि लाने के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है। बृहस्पति ग्रह को देव गुरु भी कहा जाता है, जिसके प्रभाव से हमारे वैवाहिक संबंधों पर गहरा प्रभाव डालता है। यदि बृहस्पति ग्रह शुभ स्थिति में होता है, तो यह जीवनसाथी के साथ संबंधों में सामंजस्य और सुख का संचार करता है। इसके विपरीत, यदि यह ग्रह अशुभ स्थिति में हो, तो यह वैवाहिक जीवन में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है। जिसके परिणामस्वरुप आपसी कलह, रिश्तों में खटास और मतभेद की परिस्थितियां बनती है।
पुत्रदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु और बृहस्पति ग्रह की पूजा करने से न केवल बृहस्पति ग्रह के अशुभ प्रभावों को शांत किया जा सकता है, बल्कि जीवन में सुख-समृद्धि और आदर्श जीवनसाथी के साथ रिश्ते में आनंद भी प्राप्त किया जा सकता है। मान्यता है कि यदि कुंडली में बृहस्पति ग्रह की स्थिति अशुभ हो, तो 16,000 बृहस्पति मंत्र जाप और सुदर्शन हवन जैसे विशेष अनुष्ठान इसके प्रभावों को कम करने में सहायक हो सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार सुदर्शन हवन भगवान विष्णु के एक रूप, भगवान सुदर्शन को समर्पित एक महत्वपूर्ण वैदिक अनुष्ठान है, जो उनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए किया जाता है। आप भी पुत्रदा एकादशी के अवसर पर काशी में स्थित श्री बृहस्पति मंदिर में इस विशेष पूजा में श्री मंदिर के माध्यम से भाग ले सकते हैं और भगवान विष्णु और बृहस्पति देव से आदर्श जीवनसाथी और रिश्तों में आनंद का आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।