शनि जयंती का पर्व ज्येष्ठ मास की अमावस्या को श्रद्धा और आस्था के साथ मनाया जाता है। यह दिन धार्मिक, आध्यात्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से अत्यंत पुण्यफलदायी माना गया है, क्योंकि इसी दिन भगवान शनिदेव का प्राकट्य हुआ था। शनिदेव, सूर्य देव और उनकी पत्नी छाया के पुत्र हैं तथा सनातन धर्म में उन्हें कर्मों के आधार पर फल देने वाले न्याय के देवता के रूप में प्रतिष्ठित किया गया है। ऐसा माना जाता है कि यदि शनि ग्रह जन्म कुंडली में शुभ स्थिति में हो, तो जातक को असाधारण सफलता और प्रगति मिलती है, वहीं यदि शनि की साढ़े साती या अन्य अशुभ दृष्टि प्रभाव में हो, तो जीवन में अनेक प्रकार की चुनौतियाँ उत्पन्न हो सकती हैं।
ऐसे में, शनि जयंती के दिन विशेष पूजन, मंत्र जप और दान करने से शनि के अशुभ प्रभावों को शांत किया जा सकता है। ज्योतिष शास्त्र में यह भी बताया गया है कि शनि मूल मंत्र का जाप करना लाभकारी होता है, लेकिन दान-पुण्य से शनिदेव शीघ्र प्रसन्न होते हैं। इसी उद्देश्य से श्री मंदिर द्वारा शनि जयंती को विशेष शनि दान कुंजिका अर्पण का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन के अंतर्गत, जो भी भक्त यह पूजा बुक करते हैं, उनके नाम से शनि जयंती शनि कुंजिकाएं दान की जाएंगी। भक्तजन अपने पैकेज और सदस्य संख्या के अनुसार इन कुंजिकाओं का चयन कर सकते हैं और शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त कर सकते हैं।
काली दाल दान करने का महत्व: ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काली दाल का दान शनिदेव को प्रसन्न करने का एक प्रभावी उपाय माना जाता है। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव की दिव्य कृपा प्राप्त होती है और उनके प्रतिकूल प्रभाव कम होते हैं।
काली धोती दान करने का महत्व: ज्योतिषियों का सुझाव है कि काले कपड़े दान करने से शनि से संबंधित चुनौतियों को कम करने में मदद मिल सकती है, जिसमें शनि की साढ़ेसाती या अन्य शनि से संबंधित समस्याएं शामिल हैं।
काले तिल के लड्डू दान करने का महत्व: काले तिल शनि देव से बहुत जुड़े हुए हैं। ऐसा माना जाता है कि अगर कोई शनि की साढ़े साती से गुज़र रहा हो तो उसे राहत पाने के लिए शनिवार को काले तिल से बने लड्डू दान करने चाहिए।
दीप जलाने का महत्व: ज्योतिषीय मान्यताओं के अनुसार, शनिवार को दीपक जलाने से शनि के दुष्प्रभाव कम होते हैं तथा उनकी दिव्य कृपा प्राप्त होती है।
ये दान कुंजिकाएँ मायापति हनुमान मंदिर में दान की जाएँगी, जिसके पीछे एक अहम धार्मिक मान्यता है। ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी का आशीर्वाद प्राप्त करने वाले भक्तों पर शनिदेव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता। यदि आप ऊपर दिए गए पैकेज में से कोई भी चुनते हैं, तो आपके नाम पर शनि दान कुंजिकाएँ उज्जैन के मायापति हनुमान मंदिर में दान की जाएँगी। इस शनि जयंती श्री मंदिर के माध्यम से शनि शांति महा दान विशेष में भाग लें और सालभर के दुर्भाग्य और विलंब से मुक्ति के लिए के लिए शनिदेव से आशीर्वाद प्राप्त करें।