हिंदु धर्म में सूर्य देव का विशेष स्थान है। यह एकलौते ऐसे देव है जो प्रत्यक्ष रूप में हैं। मार्कंडेय पुराण के अनुसार, सम्पूर्ण जगत जब अंधकार में डूबा था, तब ब्रह्मा जी के मुख से निकले प्रथम शब्द ‘ॐ’ के तेज से ही सूर्य की उत्पत्ति हुई थी। वेदों में सूर्य देव को साहस, प्रसिद्धि, राजनीति, नेतृत्व क्षमता, आत्मविश्वास और ऊर्जा प्रदान करने वाला देवता बताया गया है। कहा जाता है कि देव सूर्य की उपासना से व्यक्ति किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकता है। यही कारण है कि भक्त सूर्य देव को प्रसन्न करने और उनका आशीष प्राप्त करने के लिए कई तरह के अनुष्ठान करते हैं, जिनमें से सूर्य द्वादश नाम स्तोत्र पाठ और सूर्य तंत्र युक्त मंत्र हवन भी एक है। सूर्य द्वादश नाम स्तोत्र, भगवान सूर्य के बारह नामों से युक्त एक मंत्र संग्रह है। सूर्य देव का दिव्य आशीष प्राप्त करने के लिए इस स्तोत्र को सबसे प्रभावशाली माना जाता है। कहा जाता है कि सूर्य देव को समर्पित इस स्तोत्र का जाप करने से जातक के सभी कार्य सिद्ध होते हैं और उसे सफलता प्राप्त होती है।
वहीं सूर्य तंत्र युक्त मंत्र हवन एक शक्तिशाली अग्नि अनुष्ठान है। इस अनुष्ठान में सूर्य देव को समर्पित मंत्रों का उच्चारण करते हुए अग्नि में आहुतियां दी जाती है। धारणा है कि इस अनुष्ठान से जल्दी ही प्रसन्न होते हैं और अपना दिव्य आशीष प्रदान करते हैं। माना जाता है कि सूर्य देव को समर्पित रविवार के दिन सूर्य द्वादश नाम स्तोत्र पाठ और सूर्य तंत्र युक्त मंत्र हवन करने से राजनीति एवं सरकारी नौकरियों में सफलता का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए रविवार के दिन श्री गलता जी सूर्य मंदिर में सूर्य द्वादश नाम स्तोत्र पाठ और सूर्य तंत्र युक्त मंत्र हवन का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और सूर्य देव का दिव्य आशीष प्राप्त करें।