उज्जैन में मंगलनाथ महादेव मंदिर का विशेष महत्व है। इस स्थान को मंगल का जन्मस्थान भी कहा जाता है। इस मान्यता कि पीछे एक पौराणिक कथा है, जिसमें बताया गया है कि एक बार भगवान शिव और राक्षस अंधकासुर के बीच युद्ध हुआ। युद्ध के दौरान, भगवान शिव के पसीने की एक बूंद जमीन पर गिरी, जिसके परिणामस्वरूप मंगल ग्रह का जन्म हुआ। मंगल ने राक्षस के शरीर से सारा खून सोख लिया और लाल हो गया। युद्ध के बाद सभी देवताओं ने उसी स्थान पर एक शिवलिंग की स्थापना की और उसका नाम मंगलनाथ महादेव रखा। इसी कारणवश मान्यता है कि मंगलवार के दिन इस मंदिर में मंगल ग्रह को समर्पित मांगलिक दोष निवारण महापूजा, भात पूजा एवं श्री मंगलनाथ महाभिषेक करने से रिश्तों में आनंद की प्राप्ति एवं विवाह में देरी से बचने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इसलिए मंगलवार के दिन मंगल का जन्मस्थान माने जाने वाले उज्जैन के श्री मंगलनाथ महादेव मंदिर श्री मंदिर द्वारा मांगलिक दोष निवारण महापूजा, भात पूजा एवं श्री मंगलनाथ महाभिषेक का आयोजन किया जा रहा है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, हमारे जीवन पर मंगल ग्रह की स्थिति के कई प्रभाव पड़ते हैं। मंगल ग्रह को ऊर्जा, शक्ति, साहस, और संघर्ष का प्रतीक माना जाता है। मांगलिक दोष, जिसे मंगल दोष के रूप में भी जाना जाता है, यह मंगल ग्रह से जुड़ा हुआ है। मान्यता है कि किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में मंगल के कुछ घरों में स्थित होने से यह दोष हो सकता है। मांगलिक दोष को विशेष रूप से अशुभ माना जाता है, क्योंकि यह विवाह में विलंब के साथ वैवाहिक जीवन में कई अनचाही बाधाएं उत्पन्न करता है। यह दोष पुरुषों और महिलाओं दोनों को प्रभावित कर सकता है, जिसके परिणामस्वरूप अक्सर कठिनाईयों और विवाह में विलंब जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। मान्यता है कि मंगलवार के दिन इस अनुष्ठान में भाग लेने से रिश्तों में आनंद की प्राप्ति एवं विवाह में देरी से बचने का आशीर्वाद प्राप्त होता है। आप भी श्री मंदिर के माध्यम से इस विशेष अनुष्ठान में भाग लें और मंगलनाथ महादेव का दिव्य आशीष प्राप्त करें।