क्या आपको भी सपने में दिखते है सांप या मृत लोग?🐍
जानें महाकुंभ मौनी अमावस्या पर काल सर्प दोष पूजा का क्यों है इतना महत्व🙏
सनातन धर्म में महाकुंभ को दुनिया का सबसे बड़ा और आध्यात्मिक आयोजन माना जाता है, जोकि हर 12 साल में प्रयागराज में तब होता है, जब वृषभ राशि में बृहस्पति और मकर राशि में सूर्य का दुर्लभ संयोग बनता है। 2025 में यह खगोलीय घटना महाकुंभ मेले की शुरुआत करेगी। इस आयोजन की भव्यता मौनी अमावस्या के साथ और भी बढ़ जाती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इस विशेष संयोग में भगवान शिव की उपासना करने से काल सर्प दोष के प्रभावों से मुक्ति पाई जा सकती है। काल सर्प दोष के संदर्भ में ज्योतिषशास्त्र में ऐसा बताया गया है कि जब किसी व्यक्ति की जन्म कुंडली में राहु और केतु एक दिशा में होते हैं और बाकी सभी ग्रह इनके बीच में होते हैं, तब काल सर्प दोष बनता है। इसके प्रभाव से पीड़ित व्यक्ति को सपने में मरे हुए लोग या फिर सांप दिखाई देते हैं। जिसके कारण मानसिक अस्थिरता और सेहत खराब एवं भय जैसी समस्याएं होने लगती है।
कहते हैं कि महाकुंभ के दौरान पड़ने वाली मौनी अमावस्या के इस शुभ अवसर पर काल सर्प दोष शांति पूजा जैसे विशेष अनुष्ठानों की मदद से इस दोष के नकारात्मक प्रभावों को कम कर सकते हैं। वहीं यदि यह पूजा प्रयागराज में स्थित तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर में की जाए तो यह कई गुना अधिक फलदायी हो सकती है, क्योंकि इस बार महाकुंभ प्रयागराज में लग रहा है। इसलिए मौनी अमावस्या और महाकुंभ के शुभ संयोग में प्रयागराज के श्री तक्षकेश्वर तीर्थ मंदिर में काल सर्प दोष शांति पूजा का आयोजन किया जा रहा है। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और निर्भयता और मानसिक स्थिरता का आशीर्वाद प्राप्त करें।