हिंदू धर्म में भाद्रपद माह का विशेष महत्व है और यह चातुर्मास का दूसरा महीना है। इस माह में भगवान विष्णु ने कृष्ण अवतार लिया था, जिससे इसका धार्मिक महत्व और बढ़ जाता है। भाद्रपद माह में शनिवार का दिन हनुमान जी और शनिदेव की पूजा के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। मान्यता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने से दिव्य कृपा प्राप्त हो सकती है और शनि के अशुभ प्रभावों से मुक्ति मिल सकती है। उज्जैन शहर में भगवान हनुमान को समर्पित मायापति हनुमान मंदिर है, जहां उनकी मायापति रूप में पूजा की जाती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब हनुमान घायल लक्ष्मण को बचाने के लिए संजीवनी बूटी लेने जा रहे थे, तो रास्ते में उनका सामना कालनेमि नामक राक्षस से हुआ। माया विद्या में निपुण कालनेमि ने अपनी माया से हनुमान को रोकने का प्रयास किया। हनुमान ने राक्षस की माया को समझकर उसे परास्त कर दिया, तब से हनुमान मायापति के नाम से जाने जाते हैं और मायापति हनुमान मंदिर में उन्हें इसी रूप में पूजा जाता है। जिस तरह हनुमान ने लक्ष्मण के लिए संजीवनी बूटी लाकर उनकी जान बचाई थी, उसी तरह इस मंदिर में मृत संजीवनी मंत्र का जाप करने से भक्तों को अच्छे स्वास्थ्य और बाधाओं से सुरक्षा मिलती है।
वहीं, हनुमान जी के साथ शनिदेव की पूजा के पीछे भी एक प्रचलित कथा है, जिसमें बताया गया है कि त्रेता युग में रावण ने अन्य ग्रहों के साथ शनि देव को भी बांध लिया था। कुछ समय बाद जब हनुमान जी माता सीता की खोज में लंका पहुंचे तो उन्होंने शनि देव को भी रावण की कैद से मुक्त कराया। कृतज्ञता से भरे शनि देव ने हनुमान जी से वादा किया कि उनके भक्तों पर उनके बुरे प्रभाव नहीं पड़ेंगे। इसलिए, शनिवार को मायापति हनुमान मंदिर, उज्जैन में 1008 मृत संजीवनी मंत्र जाप, 1008 शनि मूल मंत्र जाप और हवन का आयोजन किया जाएगा। श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और भगवान हनुमान और शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त करें।