😔 क्या आपके परिवार में बार-बार मतभेद हो रहे हैं? क्या आपको लगता है कि जीवन में कोई अदृश्य रुकावट आपके मार्ग को अवरुद्ध कर रही है? यहाँ आपको समाधान मिल सकता है।
🪔 हमारे शास्त्रों में कहा गया है कि हमारे पूर्वज पितृ लोक में निवास करते हैं, जहाँ वे अपने जीवित वंशजों के प्रेम और तर्पण पर निर्भर रहते हैं। पितृ पक्ष के दौरान, ऐसा माना जाता है कि वे पृथ्वी पर आते हैं, विशेष रूप से अपने वंशजों द्वारा दिए गए तर्पण और प्रार्थनाओं को ग्रहण करने के लिए। यदि वे शांति में नहीं हैं, तो उनका दुःख पितृ दोष के रूप में प्रकट हो सकता है, जिससे उनके परिवार के सदस्यों को लगातार कष्टों का सामना करना पड़ सकता है। महाभारत की एक प्रभावशाली कथा ऋषि जरत्कारु के बारे में है, जिन्होंने अपने पूर्वजों को एक अँधेरे गड्ढे में, केवल एक घास के तिनके के सहारे, कष्ट सहते हुए देखा था, जिसे एक चूहा कुतर रहा था। वे इसलिए पीड़ा में थे क्योंकि उनके परिवार में कोई भी उन्हें तर्पण नहीं करता था। इससे हमें यह सीख मिलती है कि हमारे पूर्वजों का कल्याण हमारे जीवन को सीधे प्रभावित करता है।
🌊 पूर्वजों की शांति और मोक्ष के लिए सबसे पवित्र स्थानों में से एक है प्रयागराज स्थित त्रिवेणी संगम, जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती का संगम होता है। मान्यता है कि समुद्र मंथन के समय अमृत की बूंदें इसी स्थान पर गिरी थीं, जिससे यह स्थान दिव्य शक्ति से परिपूर्ण हो गया। यहाँ का पवित्र जल जन्म-जन्मांतर के पापों को धो देता है और पितरों तक हमारी प्रार्थनाएँ सहज पहुँचती हैं।
🕉️ पितृ पक्ष के इस समय, त्रिवेणी संगम पर किया गया पितृ दोष शांति महापूजन और आरती पितरों को संतोष और मोक्ष की ओर ले जाता है। ऐसा माना जाता है कि जब पूर्वज प्रसन्न होते हैं तो वे अपने वंशजों को शांति, समृद्धि और संरक्षण का आशीर्वाद देते हैं। इससे लंबे समय से चले आ रहे पारिवारिक विवाद शांत होने का आशीष मिलता है और जीवन के हर क्षेत्र चाहे स्वास्थ्य हो, करियर हो या परिवारिक प्रगति में संतुलन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
🙏 श्री मंदिर के माध्यम से पितृ पक्ष में इस विशेष महापूजन में सम्मिलित हों और अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।