सोम प्रदोष वह पावन संध्या है, जब भगवान शिव की उपासना विशेष फलदायी मानी गई है। सोमवार और प्रदोष का संगम शिव कृपा, स्वास्थ्य, शांति और परिवारिक कल्याण का आशीर्वाद देता है। इस समय शिवजी का जलाभिषेक, दीपदान और महामृत्युंजय जप अत्यंत शुभ माना गया है। इसी महत्व को ध्यान में रखते हुए त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में त्रिदेव रुद्राभिषेक का आयोजन होने जा रहा है, जो परिवार में बेहतर स्वास्थ्य की दिशा मजबूत कर सकता है।
🕉️ त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग और रुद्राभिषेक की महिमा:
इस बार सोम प्रदोष पर महाराष्ट्र स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में रुद्राभिषेक पूजा होने जा रही है, जो भक्तों को अच्छी सेहत और सफलता की सही दिशा दिखा सकती है। यह भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है, जिसके लिए माना जाता है कि त्रिदेव- ब्रह्मा, विष्णु और महेश यहां एक साथ निवास करते हैं। मान्यता है कि सोमवार और प्रदोष काल की संयुक्त पूजा से शिवकृपा तीव्र होती है और मानसिक शांति, स्वास्थ्य और जीवन की बाधाओं से राहत के द्वार खुल सकते हैं। त्र्यंबकेश्वर में रुद्राभिषेक बेलपत्र अर्पण और महामृत्युंजय मंत्र जप करने से मनोबल, परिवारिक सुख-सौहार्द और स्थिरता की दिशा मिलती है। यह महापूजा जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाने वाली मानी गई है।
त्र्यंबकेश्वर की शक्ति और सोम प्रदोष की ऊर्जा के साथ यहां रुद्राभिषेक अत्यंत पवित्र और फलदायी अनुष्ठान माना गया है, क्योंकि यहाँ स्थापित ज्योतिर्लिंग त्रिदेव स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है। पवित्र जल, पंचामृत, बिल्वपत्र और वैदिक मंत्रों के साथ किया गया अभिषेक मन, शरीर और आत्मा को शुद्ध करने की शक्ति रखता है। मान्यता है कि इस पूजा से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है, ग्रहों का प्रभाव संतुलित होता है और जीवन में स्थिरता और सकारात्मकता का संचार बढ़ता है। यह शिवकृपा प्राप्त करने का सर्वोत्तम उपाय माना जाता है, इस स्वर्णिम अवसर को हाथ से न जाने दें।
श्री मंदिर के माध्यम से इस पूजा में भाग लें और सोम प्रदोष पर भगवान शिव की कृपा का अनुभव करें। अपने परिवार के लिए खराब सेहत, बुरी नजर और नकारात्मकता से रक्षा की ओर एक कदम बढ़ाएं।