विश्व विख्यात धर्मनगरी हरिद्वार में कई पौराणिक स्थान हैं, जिनकी चर्चा धार्मिक ग्रंथों में की गई है। हरिद्वार एक तीर्थ स्थल है, जहां पर लोग देश विदेश से तीर्थ यात्रा करने आते हैं। इनमें से एक है माँ बगलामुखी धाम। दस महाविद्या में से आठवीं महाविद्या बगलामुखी को समर्पित है यह हिंदू मंदिर। स्वामी अशोक रुद्र जी महाराज ने उत्तराखंड के हरिद्वार जिले के श्यामपुर गाँव में हरिद्वार में पहली बार श्री बगलामुखी देवी का मंदिर बनाने का निर्णय लिया। साल 2012 में इस मंदिर के निर्माण कार्य की आधारशिला रखी गई।
माँ बगलामुखी दस महाविद्याओं में से एक हैं और इन्हें स्तम्भन शक्ति की देवी माना जाता है, यानि ये देवी शत्रुओं को निष्क्रिय करने की शक्ति रखती हैं। हरिद्वार का यह मंदिर विशेष रूप से उन भक्तों के लिए महत्वपूर्ण है जो जीवन में विघ्नों का सामना कर रहे हों और अधिकार, विजय तथा संरक्षण प्राप्त करना चाहते हों। इस मंदिर में माँ बगलामुखी की पूजा अर्चना विशेष रूप से की जाती है और यहाँ के अनुष्ठानों में विशेष प्रकार के जप, तांत्रिक क्रियाएँ और होम हवन भी शामिल हैं। भक्त अपने मनोरथ सिद्धि के लिए यहाँ प्रार्थनाएँ भी करते हैं। मंदिर का वातावरण बहुत ही शांत और आध्यात्मिक होता है, जो भक्तों को आंतरिक शांति प्रदान करता है। भक्तों का मानना है कि मनोकामनाओं की पूर्ति यहां होती है।