कभी-कभी सभी प्रयास और मेहनत के बावजूद धन और समृद्धि का मार्ग अवरुद्ध लगता है और मानसिक शांति प्राप्त नहीं होती है। अक्सर हम स्वास्थ्य और वित्तीय स्थिरता के लिए चिंता करते हैं और महसूस करते हैं कि किसी दिव्य शक्ति की आवश्यकता है। हिंदू शास्त्र बताते हैं कि पिछले कर्मों के नकारात्मक प्रभाव से बाधाएँ उत्पन्न हो सकती हैं जिन्हें दरिद्रता और अशांति कहा जाता है। शरद पूर्णिमा की पवित्र रात में भगवान शिव की कृपा इन बाधाओं को दूर करने के लिए आती है। स्वर्ण आकर्षण रुद्र पूजा करने को इस दिन सबसे प्रभावशाली उपाय माना जाता है जिससे आत्मा शुद्ध होती है और धन और स्वास्थ्य के आशीर्वाद मिलते हैं।
पुराने ग्रंथों के अनुसार शरद पूर्णिमा वह रात है जब चंद्रमा की किरणों में अमृत होता है जिसमें स्वास्थ्य और समृद्धि लाने वाली ऊर्जा होती है। इसीलिए खीर बनाकर उसे चंद्रमा की किरणों में रखने की परंपरा है। भगवान शिव अपने रुद्र रूप में सब कुछ बदलने और दुख को दूर करने वाले हैं। इस रात खीर अभिषेक भगवान शिव को भोग लगाने का प्रतीक है जिससे नकारात्मकता दूर हो और अमृत की शक्ति सीधे जीवन में प्रवेश करे। ऐसा माना जाता है कि माँ लक्ष्मी भी इस रात विशेष रूप से सक्रिय होती हैं।
यह पूजा पवित्र काशी के काल भैरव मंदिर में होती है जहाँ भगवान शिव का रुद्र रूप स्थित है। 108 बिल्व पत्र अर्चना और अन्न दान के साथ खीर अभिषेक करना भगवान शिव को प्रिय माना जाता है। यह पूजा स्वर्ण आकर्षण के लिए और स्वास्थ्य और मानसिक शांति को बनाए रखने के लिए की जाती है। यह जीवन में समृद्धि और मोक्ष की प्रार्थना का एक रूप है। यह विशेष पूजा श्री मंदिर के माध्यम से आपके जीवन में स्वास्थ्य, धन और मानसिक शांति के आशीर्वाद लाती है।